मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले राजस्थान सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने इस अवसर पर 50 से अधिक केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारियों को राज्य के व्यापारिक परिदृश्य, निवेश के नए अवसरों और राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे प्रमुख व्यापार-अनुकूल बदलावों की जानकारी दी।
सार्वजनिक क्षेत्र के इन उपक्रमों ने लिया भाग
इस सीपीएसई कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों में हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर), एनटीपीसी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, आईआरईडीए, पीजीसीआईएल, इंडियन ऑयल, एनटीपीसी, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान, आईआरसीटीसी, एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया, ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, एफआईसीएसआई शामिल हैं। यह भी पढ़ें
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निवेशकों ने सरकार के प्रयासों को सराहा
राजस्थान सरकार को आगामी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के लिए शुभकामना देते हुए हिंदुस्तान पेट्रोलियम के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रजनीश नारंग ने कहा कि उनकी कंपनी राज्य द्वारा व्यापार जगत के लिए उठाए जा कदमों के लाभार्थियों में से एक है और एचपीसीएल द्वारा विकसित की जा रही बाड़मेर रिफाइनरी इसका एक उदाहरण है। नारंग ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार ने हमें हर स्तर पर महत्वपूर्ण और त्वरित समर्थन दिया है। रिफाइनरी की न केवल वर्तमान जरूरतों के लिए, बल्कि भविष्य के इसके संभावित विस्तार के लिए भी भूमि का आवंटन सरकार द्वारा शीघ्रता से किया गया। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज जैन ने डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में राज्य में उभरते अवसरों के बारे में बात करते हुए कहा कि देश के डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में राजस्थान एक बड़े औद्योगिक राज्य के रूप में उभर रहा है। हमारी कंपनी की राजस्थान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सॉफ्टवेयर विकास के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करने की योजना है। यह केंद्र रक्षा से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक राजस्थान में स्थित विभिन्न उद्योगों की जरूरतों के अनुकूल होगा।
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हमारे पास जमीन की कमी नहीं- CM
सीपीएसई कॉन्क्लेव में भाग लेने के लिए के सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों के अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे फिस्कल इन्सेंटिव्स और कारोबार को आसान बनाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में अक्षय ऊर्जा, डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग, पेट्रोकेमिकल्स और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। हमारे पास जमीन की कमी नहीं है, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अपार क्षमता है, प्रचुर खनिज भंडार हैं और कुशल कार्यबल है। इनके जरिए हम राज्य और सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों- दोनों के लिए साझा समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं। साथ मिलकर हम सब ‘विकसित भारत’ और ‘विकसित राजस्थान’ के लक्ष्य को साकार कर सकते हैं। वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि इस कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज राजस्थान की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्षों में दोगुना करके 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने के राज्य सरकार के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य राजस्थान के मेहनती और प्रतिभाशाली युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना है और इन प्रयासों को सफल बनाने के लिए हम आपकी ओर बहुत उम्मीद से देख रहे हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि राष्ट्र के विकास में सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों द्वारा निभाई गई भूमिका उल्लेखनीय है। राज्य में काम कर रहे सीपीएसईज का आभार मैं राज्य सरकार की ओर से व्यक्त करता हूं क्योंकि राज्य की समृद्धि और विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान है। ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 निजी क्षेत्र और सरकार द्वारा संचालित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) से निवेश आकर्षित करने पर समान रूप से जोर देता है।