इनमें मिनी बस, यात्री बस, भारी वाहन का टोल तो और भी ज्यादा होगा। जेडीए से एनएचएआई के हाथ में गई रिंग रोड में अब भी दो टोल प्लाजा ही होंगे। इसमें एक आगरा रोड से टोंक रोड के बीच और दूसरा टोंक रोड से अजमेर रोड के मध्य होगा। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने भी उसी तरह एनएचएआई को प्रोजेक्ट सौंप दिया, जिस तरह अनुबंधित कंपनी ने बनाया था। इसमें टोल प्लाजा एक ही जगह हो सकता था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
पहला टोल प्लाजा
आगरा रोड की तरफ से 2.5 किमी आगे खोरी रोपाड़ा के पास। दूसरा टोल प्लाजा
टोंक रोड-फागी रोड के बीच दादिया के पास होगा। खुद की जेब भरेगा जेडीए, जनता की चिंता नहीं
आगरा रोड की तरफ से 2.5 किमी आगे खोरी रोपाड़ा के पास। दूसरा टोल प्लाजा
टोंक रोड-फागी रोड के बीच दादिया के पास होगा। खुद की जेब भरेगा जेडीए, जनता की चिंता नहीं
35 करोड़ रुपए देगा एनएचएआई हर साल जेडीए को प्रीमियम के तौर पर
350 करोड़ रुपए बनते हैं इस आधार पर
8% वृद्धि होगी हर वर्ष इसमें
10 वर्ष में जेडीए के खाते में 515 करोड़ रुपए आएंगे
350 करोड़ रुपए बनते हैं इस आधार पर
8% वृद्धि होगी हर वर्ष इसमें
10 वर्ष में जेडीए के खाते में 515 करोड़ रुपए आएंगे
वैकल्पिक रोड ही बंद करने का एमओयू
रिंग रोड में टोल से मिलने वाली कमाई कम न हो, इसके लिए एमओयू में शर्त जोड़ी है। इसके तहत जेडीए को सुनिश्चित करना होगा कि कोई वैकल्पिक रास्ता न हो, जिससे टोल राजस्व प्रभावित होता हो।
उम्मीद के विपरीत
सरकार की मंशा रही है कि वाहन चालक अजमेर रोड या आगरा रोड से टोंक रोड तक जाना चाहे तो वह बिना टोल चुकाए नहीं जा पाए। राज्य सरकार चाहती तो एमओयू में एनएचएआई को एक ही टोल प्लाजा लगाने के लिए रजामंद कर सकती थी क्योंकि 47 किलोमीटर में दो टोल कुछ ही जगह होंगे। शहर इलाके में तो ऐसा है ही नहीं।
सरकार की मंशा रही है कि वाहन चालक अजमेर रोड या आगरा रोड से टोंक रोड तक जाना चाहे तो वह बिना टोल चुकाए नहीं जा पाए। राज्य सरकार चाहती तो एमओयू में एनएचएआई को एक ही टोल प्लाजा लगाने के लिए रजामंद कर सकती थी क्योंकि 47 किलोमीटर में दो टोल कुछ ही जगह होंगे। शहर इलाके में तो ऐसा है ही नहीं।