यह भी पढ़े: प्याज की नई फसल खराब, फिर भी नहीं बढ़ेंगे दाम, पुराना प्याज का बंपर स्टॉक आवक बढ़ने से राइस मिलें घटाकर बेचने लगी इस बीच निर्यातकों के माल भी बंदरगाहों से लेकर दिल्ली एवं एनसीआर के गोदामों में स्टॉक् हो चुके हैं। उधर, कच्ची मंडियों के कारोबारी भी धान एवं चावल दोनों की लगातार खरीद करते गए हैं। परिणामस्वरूप आगे चलकर बासमती चावल का बाजार टूट भी सकता है। सिंघल ने कहा कि धान के ऊंचे भावों के बावजूद आवक बढ़ने से राइस मिलें घटाकर बेचने लगी हैं। मंडियों में भी मुनाफावसूली की बिकवाली आने लगी है। बासमती धान 1121 की आवक इस बार 20 से 25 दिन लेट होने से पिछले दिनों अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। मगर वर्तमान में सभी मंडियों में धान की आवक ज्यादा होने की संभावना दिखाई दे रही है। लिहाजा फिलहाल बाजार नरम ही बना रहने की संभावना है।