सामने आया है कि, आरजीएचएस निदेशालय की ओर से इनके कार्ड बनाए गए थे। राज्य सरकार के कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की तरह ही इन्हें भी चिकित्सा सुविधा इस योजना के तहत दी जा रही थी। कुछ समय बाद इनके कार्ड अचानक बंद कर दिए गए। पेंशनर्स को उच्चाधिकारियों ने बताया कि अन्य निगम और बोर्ड की तरह सेवानिवृत्त कार्मिक राशि (एक लाख पांच हजार रुपए) जमा नहीं होने के कारण सेवानिवृत्त खादी कार्मिकों के कार्ड ब्लॉक किए गए हैं।
‘खादी बोर्ड प्रशासनिक है, व्यावसायिक नहीं’ पेंशनर्स का कहना है कि, खादी बोर्ड व्यावसायिक नहीं, प्रशासनिक है। जबकि राज्य सरकार के अधीन अन्य बोर्ड और निगम वाणिज्यिक गतिविधियां करते हैं। खादी बोर्ड के कर्मचारियों को तो इस योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है, लेकिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को योजना से बाहर कर दिया गया। कार्मिकों के वेतन से राजस्थान पेंशनर्स मेडिकल फंड (आरपीएमएफ) के लिए कोई कटौती नहीं होती। जबकि खादी बोर्ड में वेतन से राशि की कटौती की गई है। सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वेतन से कटौती से प्राप्त करीब 1.70 करोड़ रुपए की राशि इस समय सरकार के पास जमा है। इसके अलावा अन्य राशि नहीं ली जा सकती।
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खादी बोर्ड के सेवानिवृत्त कार्मिक वरिष्ठजन हैं। कार्ड ब्लॉक करने से वृद्धावस्था में घोर पीड़ा और परेशानी का सामना कर रहे हैं। जबकि उनके वेतन से नियमित आरपीएमएफ की कटौती हुई है। यह न्यायोचित नहीं है।
– योगेन्द्र सैकड़ा, अध्यक्ष, राजस्थान खादी बोर्ड पेंशनर्स संघ