जयपुर

online companies: आनलाइन कारोबार से बिगड़ रही है खुदरा बाजार की सेहत

आनलाइन व कॉर्पोरेट रिटेल कंपनियों की ओर से अनुचित व्यापार और व्यवहार अपनाये जाने के कारण देश के खुदरा बाजार को खतरा पैदा हो गया है। यह कहना है आल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसियेशन का।

जयपुरOct 19, 2022 / 11:03 am

Narendra Singh Solanki

online companies: आनलाइन कंपनियों के अनुचित व्यापार से खुदरा बाजार को खतरा

आनलाइन व कॉर्पोरेट रिटेल कंपनियों की ओर से अनुचित व्यापार और व्यवहार अपनाये जाने के कारण देश के खुदरा बाजार को खतरा पैदा हो गया है। यह कहना है आल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसियेशन का। विशेषज्ञ डा. रवि गोयल का कहना है कि जिस तरह से ये कंपनियां प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन कर रही हैं, अनुचित प्रतिस्पर्धा के जरिये माइक्रो-रिटेलर्स व बाजार दुकानदारों को तबाह कर रही हैं, यह स्थिति चिंताजनक है। उत्पादक कंपनियों की भी हालांकि जिम्मेदारी बनती है, लेकिन उन्हें तो माल बेचना होता है और वे आनलाइन कंपनियों व बाजार रिटेलर्स दोनों को ही बेचती हैं।
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देश के 7 करोड़ दुकानदारों-माइक्रो रिटेलर्स पर संकट


मुख्य सलाहकार कमल कंदोई ने कहा कि भारतीय बाजार वस्तु-सेवा विनिमय आधारित रहा है। खुदरा बाजार में हम अपनी आवश्कताओं के लिए सब एक दूसरे से ही कमाकर खाते हैं, पर जो संकट आज देश के 7 करोड़ दुकानदारों-माइक्रो रिटेलर्स पर आया है उस कारण अर्ध-बेरोजगारी की स्थिति पैदा हो गई है। अपेक्षित बिक्री नहीं होने से 50 से 60 साल की उम्र में लाखों दुकानदार बेरोजगार होने के कगार पर हैं। प्रेम बियाणी का कहना है कि कोरोना सरीखे भयावह संकट के दौर में बाजार दुकानदारों ने सामाजिक व्यवस्था में बहुत सहयोग किया और करोड़ों गरीब परिवारों को भोजन व अन्य सहयोग उपलब्ध कराया। अतः देश की ग्रास-रूट इकोनॉमी में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। देश में जो एक करोड़ से अधिक रेहड़ी-ठेले वाले हैं, जो एक-दो हजार रुपए दैनिक की खरीद उपरांत माल बेचकर अपने परिवार की रोजी-रोटी चलाते हैं, उन्हें इस संकट से बचाया जाए।

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