शालिनी अग्रवाल कोड़िकोड। देश के कई राज्यों में पर्यटन उसे समृद्ध करने में अहम भूमिका निभा रहा है। गॉड्स ओन कंट्री कहा जाने वाला केरल इसका बड़ा उदाहरण है लेकिन अब केरल ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए इसे रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म (आरटी) मिशन की तरह लिया है, जहां पर्यटकों को सीधे स्थानीय लोगों को जोड़ा जा रहा है। इससे स्थानीय लोगों की आय बढ़ रही है, वहीं पर्यटक भी नया अनुभव लेकर लौट रहे हैं। जहां वे खुद छोटी-छोटी आरटी यूनिट्स से सामान खरीदते हैं। किसी घर में यहां मालाबार फूड का आनंद उठाते हैं। होम स्टे में रुक कर खुद मछली पकड़ते हैं या सब्जी तोड़ते हैं और फिर केरल स्टाइल में पकाना भी सीखते हैं।
रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन सोसायटी के सीईओ रूपेश कुमार बताते हैं कि एक स्वायत्त संस्था है जो केरल सरकार के पर्यटन विभाग के तहत कार्य करती है, जिसका उद्देश्य राज्य भर में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म के महत्व को बताना और इसके तहत की जाने वाली पहल को पूरे प्रदेश में लागू करना है। इसकी शुरुआत फरवरी 2007 में हुई थी। इसके बाद वर्ष 2017 में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन लॉन्च किया गया।
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देश का हर राज्य इसे मॉडल बना सकता है।
पी.ए.मोहम्मद रियास
पर्यटन मंत्री, केरल
- इसी मिशन से जुड़ीं सुधा पेपर बैग मेकिंग प्रोजेक्ट अवनी चलाती हैं। वह करीब तीन साल पहले इस मिशन से जुड़ी थीं। सुधा बताती हैं कि आर्थिक रूप से सशक्त बनने के लिए उन्होंने इस मिशन में पेपर बैग और कागज से बनी अन्य वस्तुएं बनाना सीखा। अब सरकार से भी उन्हें कई ऑर्डर मिलते हैं। इसके अलावा वह स्थानीय मेलों और इंस्टाग्राम हैंडल से ये चीजें बेच रही हैं।
- वहीं मिनी, अपने पति और बेटी निमिषा के साथ कैंडल मेकिंग से जुड़ी हुई हैं। उन्हें भी इस मिशन के तहत ट्रेनिंग मिली। उनकी मोमबत्तियों में शंख-सीपी, स्टारफिश जैसी चीजें नजर आती हैं। मिनी को कैंडल मेकिंग के लिए राज्य स्तर कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
- मिशन से जुड़ीं होम शेफ सुनंदा का पैशन खाना पकाना है। शुरुआत में वह कई मैगजीन में अपनी रेसिपी भेजा करती थीं। उन्होंने स्थानीय स्तर पर कई कुकिंग कॉम्पीटिशन में भी भाग लिया। अब वह आरटी मिशन से जुड़ी हैं और लोगों को अपने घर पर केरल कुजीन का स्वाद चखा रही हैं।
देश का हर राज्य इसे मॉडल बना सकता है।
पी.ए.मोहम्मद रियास
पर्यटन मंत्री, केरल