दावा-खामियों का पुलिंदा…
1. जमीन बिना ही बुकिंग कर ली : दावा है कि प्रोजेक्ट के लिए जमीन वर्ष 2017 में खरीदी गई, जबकि फ्लैट की बुङ्क्षकग 2015 में ही शुरू कर दी गई। हालांकि, डवलपर ने इससे इनकार किया है।
2. बैंक की संदिग्ध भूमिका : बैंक ने डवलपर्स को प्रोजेक्ट पर लोन दिया। अधिकतम पैसा रिलीज भी कर दिया। प्रोजेक्ट लोकेशन पर ही आवंटियों को लोन स्वीकृत कराया। कई आवंटी तो ऐसे हैं, जिन्हें आवेदन करने के दिन ही लोन स्वीकृत भी हो गया।
3. एक फ्लैट को दो लोगों को बेचा : एक ही फ्लैट को दो से तीन लोगों को न केवल बेच दिया, बल्कि दोनों अलग-अलग बैंक से लोन भी दिलाया। पुलिस में भी मामला दर्ज कराया गया है।
डवलपर- ओम स्काईराईज डवलपर्स
प्रोजेक्ट – नंदगांव, मदरामपुरा, सांगानेर
फ्लैट श्रेणी- ईडब्ल्यूएस व एलआईजी
आप भी हैं पीडि़त तो यहां करें शिकायत
-रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के उद्योग भवन परिसर स्थित मुख्यालय में।
-फोन नम्बर 0141-2851900 पर शिकायत की जा सकती है।
-इसके अलावा complaint. rera@rajasthan. gov. in पर ई-मेल कर सकते हैं।
-एक ही फ्लैट को दो अलग-अलग व्यक्तियों को बेच दिया। बैंक स्ट्रक्चर पर ही डवलपर और आवंटी दोनों को लोन की किस्त भी जारी करता गया। यह कैसे संभव है कि बैंक प्रतिनिधियों की जानकारी के बिना यह होता रहा। -पुरुषोत्तम सैनी, बुकिंगकर्ता
-हम पर दोहरी मार पड़ रही है। मकान का किराया दे रहे हैं और बैंक में लोन की किस्त भी चुका रहे हैं। बैंक ने हम से पूछे बिना ही बिल्डर को किस्त दे दी, जबकि मौके पर उतना काम ही नहीं हुआ। यह बड़ी घालमेल है। -इंदिरा पांचाल, बुकिंगकर्ता
-प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। अगले दो-तीन माह में पजेशन देेने की स्थिति में आ जाएंगे। हमारी ही गलती नहीं रही। कुछ आवंटियों ने पैसा नहीं दिया और बैंक ने भी समय पर लोन की किस्त नहीं दी। पैसे की कमी आ गई थी, इसलिए प्रोजेक्ट का काम रुक गया था। जांच होगी तो बैंक की खामियां भी सामने आ जाएंगी।-उदय सिंह, निदेशक, ओम स्काईराईज डवलपर्स