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Sarkari Naukri: RPSC की एक चूक से बेरोजगार छात्र हुए नाखुश, भर्ती निकाल दी, लेकिन योग्यता बताना भूले

सहायक आचार्य भर्ती की विज्ञप्ति में आयोग ने कहीं भी स्पष्ट नहीं किया कि कौनसी शैक्षणिक योग्यता वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।

जयपुरDec 18, 2024 / 08:43 am

Rakesh Mishra

RPSC
विजय शर्मा
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की ओर से 575 पदों पर सहायक आचार्य की भर्ती निकाली गई है। सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरे होने के कारण बेरोजगारों को खुश करने के लिए आयोग ने भर्ती तो जारी कर दी, लेकिन भर्ती में योग्यताओं को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

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आरपीएससी की ओर से जल्दबाजी में भर्ती जारी कर दी। जारी विज्ञप्ति में आयोग ने कहीं भी स्पष्ट नहीं किया कि कौनसी शैक्षणिक योग्यता वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। विज्ञप्ति के अनुसार ऐसे में अब पीजी अंतिम वर्ष में अध्ययन अभ्यर्थी भी आवेदन के योग्य होंगे। जबकि यूजीसी के नियमानुसार नेट और पीएचडी इसके लिए जरूरी है।
योग्य अभ्यर्थियों की मानें तो भर्ती में अयोग्य अभ्यर्थी भी शामिल होंगे और साक्षात्कार तक तो पहुंच जाएंगे, लेकिन आखिर में योग्यता को लेकर आपत्तियां आएंगी और भर्ती कोर्ट में अटकेगी।

गौरतलब है कि आरपीएससी की ओर से जारी की गई पिछली भर्ती में सभी नियमों को ध्यान रखा गया था। विभिन्न संकाय वार आरक्षण अनुरूप पदों की संख्या विज्ञप्ति में जारी करी गई थी। भर्ती में योग्यता स्पष्ट लिखी जाती रही है जिससे भर्ती कोर्ट में नहीं जा पाए।

इसलिए हो गई चूक

सरकार के एक साल पूरे होने पर सरकार के दबाव में आरपीएससी और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने बड़ी संख्या में भर्तियां निकाली है। ऐसे में भर्तियों के नियमों को दरकिनार कर दिया गया। आयोग ने जल्दबाजी में भर्ती जारी कर दी। अब बेरोजगार आयोग के पास योग्यता नियमों को संशोधन के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।

भर्तियाें में ये हुई चूक

शैक्षणिक योग्यता भूले : आरपीएएसी ने विज्ञप्ति में लिखा है कि उक्त पदों की अपेक्षित शैक्षणिक अर्हता के अंतिम वर्ष में शामिल हो चुका है, या शामिल हो रहा है, वह व्यक्ति आवेदन कर सकता है। इस हिसाब से यूजी और पीजी अंतिम वर्ष का अभ्यर्थी भी आवेदन करने के योग्य है, जबकि नियमानुसार नेट और पीएचडी जरूरी है।

यूजीसी नियम दरकिनार : यूजीसी के नियमाें के अनुसार सहायक आचार्य भर्ती रेगुलेशन में अभ्यर्थी का चयन में एपीआइ के माध्यम से किया जाना है। इसमें आवेदन के समय टेबल 3 अ व 3 ब के अनुरूप एपीआइ मांगी जानी चाहिए। इसमें पीएचडी ,शैक्षिक अनुभव, रिसर्च पेपर, अवार्ड, आदि के अंकों व इंटरव्यू के आधार में मेरिट तैयार की जानी है, लेकिन इस भर्ती में यूजीसी रेगुलेशन को अपनाए बिना ही भर्ती निकाल दी गई।

आरक्षण अनुरूप पदों वर्गीकरण नहीं : आयोग ने भर्ती में जितने भी पद बताए हैं, उन पदों का आरक्षण अनुरूप वर्गीकरण नहीं किया। किस कैटेगरी में कितने पद हैं। इसके बारे में नहीं बताया गया है। ऐसे में अभ्यर्थियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी है।

विषयों का उल्लेख नहीं : भर्ती के विज्ञापन में विषयवार भी जानकारी नहीं दी गई है। सहायक आचार्य भर्ती में विषयवार पद दिए गए हैं, लेकिन यह भी उल्लेख नहीं किया गया कि स्नातकोत्तर किस विषय में होना जरूरी है।

ये हैं यूजीसी के अनुसार योग्यता

नियमों के अनुसार स्नातकोत्तर में 55 फीसदी अंकों के अलावा जिस विषय में स्नातकोतर उसी विषय में नेट या पीएचडी होना जरूरी है। इसी के साथ आवेदक वाणिज्य, कला या विज्ञान के विषय जिनमें भर्ती निकाली गई है, उन्हीं में स्नातकोतर के साथ नेट या पीएचडी होना चाहिए।
सरकार के दबाव में भर्ती निकालने की जल्दबाजी में आरपीएससी नियमों को भूल गया। आयोग को बेरोजगारों के हितों की ओर से भी ध्यान देना चाहिए। सहायक आचार्च पदों पर यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार ही भर्ती जारी होनी चाहिए। इससे बेरोजगारों में असमंजस है।
बनय सिंह, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ

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