विधि: सबसे पहले सूजी/ रवा को हल्का सा कढ़ाही में भूनें। रवा सफेद ही रहे, अब इसमें एक कप दही, नमक व पानी डालकर बैटर बना लीजिए। बैटर को 3 भाग में कीजिए एक में खाने वाला हरा रंग, एक में पीला रंग मिलाइए, तीसरा सफेद ही रहेगा, कुछ देर ढक कर रखिए। अब तीनों में बेकिंग सोडा मिला लीजिए। इडली के सांचे को तेल से चिकना कर लीजिए। इसमें बैटर डाल दीजिए। एक बड़े बरतन में पानी उबालिए। उस पर यह सांचा रख दीजिए और 15 मिनट भाप में पकने दीजिए। इसे माइक्रोवेव में भी बना सकते हैं। इडली सांचे से निकाल लें। तीनों रंग की इडली को नारियल चटनी, हरी चटनी, सांभर के साथ सर्व करें। – अमरवती सक्सेना
आपकी बात कठिन समय में परिवार का साथ महिला को देता है ताकत परिवार महिला चाहे शादीशुदा हो या अविवाहित, उसकी सफलता के पीछे उसकी मेहनत के साथ परिवार का साथ होता है। यदि पेरेंट्स बेटी को आगे बढऩे की प्रेरणा दें तो उसके पंख लग सकते हैं और वह उड़ान भर सकती है। इसी तरह से ससुराल में भी पति और अन्य परिजनों का सहयोग बेहद जरूरी है। ऐसा होने से एक महिला भी अपने सपनों को पूरा कर सकती है, लेकिन हमारे समाज की वास्तविक स्थिति कुछ और है। आज भी कई जगह महिलाओं को आगे बढऩे से रोका जाता है, उन्हें आज भी एक महिला को बेटी या बहू के रूप में ही देखते हैं जिसका अपना कोई अस्तित्व नहीं है।
पूजा अग्रवाल
पूजा अग्रवाल
आप कहीं भी देख लें, हर क्षेत्र में महिला अपनी क्षमता दर्शा रही है। वह मल्टीटास्कर है। घर परिवार के साथ बाहर की जिम्मेदारी भी संभालती है और अपनी पहचान बनाती है। ऐसे में परिवार का सहयोग अति आवश्यक है। इसी सहयोग से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है, वह हर परेशानी का डट कर सामना भी कर पाती हंै और जीवन के हर संघर्ष में आगे बढ़ती है। महिला आगे बढ़ती है तो परिवार आगे बढ़ता है इसलिए जरूरी है कि इस मानसिकता में बदलाव किया जाए कि लडक़ी कुछ नहीं कर सकती, कुछ लोग इसी मानसिकता में जी रहे हैं। उन्हें बदलने की जरूरत है।
किरण खत्री