विधि: सबसे पहले सभी तरह के आटे को एक थाली में लें। फिर उसमे 3 छोटे चम्मच तेल डालें। सोडा और नमक डाल कर अच्छी तरह मिलाएं। फिर पोहा मिलाएं, गुनगुने पानी की सहायता से थोड़ा नर्म आटा गूंथे। इसे 15 मिनट के लिए ढक कर रख दें। एक कड़ाई में तेल गर्म करें। उसमें मशीन या हाथ की सहायता से कु रकुरे बनाकर मध्यम आंच पर गोल्डन ब्राउन होने तक तलें। सभी कु रकुरे तलने के बाद उसे एक बर्तन में निकाल लें। फिर सभी मसाले स्वाद के अनुसार डालें। तैयार हैं आपके लिए पौष्टिक कुरकुरे।
नेहा अग्रवाल¥æ·¤è ÕæÌ आपकी बात
महिला की सफलता में उसके परिवार का योगदान होता है। महिला घर और नौकरी तभी अच्छी तरह से मैनेज कर पाती है, जब उसे परिवार का पूरा साथ मिलता है। जब एक महिला अपने भाई, पति, बेटे की सफलता के लिए हमेशा उसके साथ तत्पर रहती है तो पुरुष सदस्यों को भी महिलाओं को सहयोग करना चाहिए। आज जमाना बदल गया है, इसलिए लोगों की मानसिकता में भी अब बदलाव आ रहा है। आज महिलाएं खुद सशक्त हो रही हैं, साथ ही उन्हें उनके परिवार का साथ मिल रहा है।
कविता बांठिया
महिला की सफलता में उसके परिवार का योगदान होता है। महिला घर और नौकरी तभी अच्छी तरह से मैनेज कर पाती है, जब उसे परिवार का पूरा साथ मिलता है। जब एक महिला अपने भाई, पति, बेटे की सफलता के लिए हमेशा उसके साथ तत्पर रहती है तो पुरुष सदस्यों को भी महिलाओं को सहयोग करना चाहिए। आज जमाना बदल गया है, इसलिए लोगों की मानसिकता में भी अब बदलाव आ रहा है। आज महिलाएं खुद सशक्त हो रही हैं, साथ ही उन्हें उनके परिवार का साथ मिल रहा है।
कविता बांठिया
सभी कहते हैं कि समय बदल गया है लेकिन कभी गृहिणी की नजर से देखें तो उसका समय तब तक नहीं बदलेगा जब तक कि वह खुद से कुछ ठान न लें। आज भी कामकाजी महिलाएं पूरा दिन अपनी जिम्मेदारी पूरा करती हैं लेकिन उन्हें खुशी नसीब नहीं होती। ऐसे में बदलते समय के साथ जरूरी है कि महिला जितना समय अपने परिवार को देती है उतना खुद के लिए भी दें। ऐसे में परिवार को भी महिला का साथ देना चाहिए। तभी महिलाएं अपने
जीवन में और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ सकती हैं।
अनुराधा देशमुख
जीवन में और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ सकती हैं।
अनुराधा देशमुख