हालांकि कांग्रेस नेताओं का दावा है कि नाम वापसी का समय बीतने से पहले वह अपने-अपने बागियों को बनाने में कामयाब हो जाएंगे, लेकिन अगर पार्टी नेता बागियों को मनाने में कामयाब नहीं हो पाते तो फिर कांग्रेस प्रत्याशियों को बागियों से कड़ी टक्कर मिलने के साथ ही नुकसान भी भी उठाना पड़ सकता है।
पीसीसी के नेता भी संपर्क में
वहीं दूसरी और बागियों को मनाने में विधायकों के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस कंट्रोल रूम में तैनात नेता भी लगातार फोन के जरिए संपर्क कर नाम वापसी की अपील कर रहे हैं। साथ नामांकन पत्र वापस लेकर कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करने की अपील भी कर रहे हैं।
संगठन और राजनीतिक नियुक्तियों का लालच भी
इधर बागी प्रत्याशियों को राजनीतिक नियुक्तियों, मनोनीत पार्षद बनाने और संगठन में अहमियत देने का लालच भी दिया जा रहा दिया जा रहा है, जिससे कि बागी प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले-लें।
निर्दलीय-बसपा विधायकों के क्षेत्र में बागियों का बोलबाला
दरअशल सबसे ज्यादा बगावत बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों और निर्दलीय विधायकों के क्षेत्र में हैं जहां टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बगावत का झंडा उठा लिया है। कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव हारे नेताओं ने अपने समर्थकों को बागी प्रत्याशियों के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा है।
ऐसे में यहां कांग्रेस प्रत्याशियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। गौरतलब है कि बगावत के डर से प्रदेश कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची सार्वजनिक नहीं की थी और फोन के जरिए ही सूचना देकर प्रत्याशियों को नामांकन भरने का गया था।
नाम वापसी 18 अगस्त को
इधर पंचायत जिला परिषद चुनाव में सोमवार को नामांकन दाखिल करने के बाद अब नाम वापसी की आज है। दोपहर तीन बजे तक नाम वापसी हो सकेगी। उसके बाद शाम पांच बजे चुनाव मैदान में डटे प्रत्याशियों की फाइनल सूची जारी की जाएगी।