कांग्रेस की बढ़त से भाजपा की चिन्ता बढ़ी
गुजरात में कांग्रेस को मिली बढ़त ने प्रदेश भाजपा में चिन्ता बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि वहां किसान और मजदूर वर्ग कांग्रेस की ओर बढ़ा है। ओबीसी वर्ग भी भाजपा के साथ पूरी तरह नहीं जुड़ा।
राजस्थान में गुर्जर आरक्षण का मुद्दा फिर जोर पकड़ रहा है। गुजरात में भाजपा ने पाटीदार आरक्षण की मांग पर 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण असंवैधानिक बताया जबकि राजस्थान में भाजपा नेता गुर्जरों को लम्बे समय से आश्वासन देते रहे हैं। सरकार के कई मंत्री दावा कर चुके हैं कि सरकार गुर्जरों को 5 फीसदी आरक्षण देने के लिए कटिबद्ध है। उपचुनाव से पहले सरकार किसी तरह गुर्जरों को मनाने के लिए एक प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार कर रही है जबकि बाकी 4 जातियों और राजपूत-ब्राह्मण समाज की आरक्षण की मांग का सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। उधर राज्य सेवा के कर्मचारी गत दिनों सातवें वेतनमान को 1 जनवरी 2016 से लागू करने की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन कर चुके हैं। किसानों ने कई बार कर्जमाफी को लेकर आंदोलन किया, जिस पर भी सरकार अब तक कोई निर्णय नहीं कर पाई है। संविदाकर्मी, मंत्रालायिक कर्मचारी भी सरकार को आंख दिखा चुके हैं।
राजस्थान सरकार लगातार अपनों के भी निशाने पर है। पार्टी के विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने मंगलवार को कहा, वंचित वर्ग का आरक्षण बिल 4 साल से दबाकर बैठी है जबकि यह विधानसभा में पास कर दिया गया। चुनाव में जो भी प्रत्याशी आर्थिक न्याय और सामाजिक समरसता के फार्मूले से सहमत होगा उसके समर्थन में प्रचार करूंगा, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो।
प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर इन दिनों डॉक्टर पुन: आंदोलन पर हैं। डॉक्टरों ने सरकार और चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ के रवैये की शिकायत प्रधानमंत्री से भी की है। सरकार और डॉक्टरों में चल रहे टकराव का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
-गुजरात चुनाव में भाजपा को उम्मीद से कम सीटें मिली हैं। हालांकि पार्टी ने वहां जनहित में खूब काम किए हैं।
बंशाीधर बाजिया, चिकित्सा राज्यमंत्री (भाजपा मुख्यालय पर सुनवाई के दौरान कहा)