बाड़मेर में मुकाबला त्रिकोणीय
राजस्थान की बाड़मेर सीट पर भाजपा से वर्तमान सांसद कैलाश चौधरी को टिकट दिया। कांग्रेस ने उम्मेदाराम बेनीवाल को चुनावी मैदान में उतारा। जबकि शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय ताल ठोक कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया। राजनीतिक विश्लषकों का कहना है कि बाड़मेर से अगर रविंद्र सिंह भाटी चुनाव जीतते है तो यह को आश्चर्यजनक बात नहीं होगी। क्योंकि उन्होंने चुनाव पूरे दमखम से लड़ा है।अब तक 11 निर्दलीय सांसद ही पहुंचे लोकसभा
Rajasthan में 1952 से लेकर 2019 तक हुए लोकसभा चुनाव में केवल 11 ही निर्दलीय प्रत्याशी लोकसभा सांसद चुने गए हैं। जिन सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी लोकसभा सांसद चुने गए हैं उनमें बीकानेर, जयपुर, दौसा, नागौर, जोधपुर, अलवर, भरतपुर, पाली और जालोर सीटें हैं। बाड़मेर से निर्दलीय प्रत्याशी का लोकसभा तक पहुंचने का इतिहास नहीं रहा है। निर्दलीय प्रत्याशी को अंतिम बार जीत 2009 के लोकसभा चुनाव में मिली जब भाजपा के वरिष्ठ नेता और मौजूदा कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा दौसा से निर्दलीय चुनाव जीते थे।करण सिंह पांच बार बने निर्दलीय सांसद
1952 में हुए पहले आम चुनाव में करणी सिंह बीकानेर, जसवंत राज मेहता जोधपुर, गिरिराज सिंह भरतपुर, भवानी सिंह जालोर और जनरल अजीत सिंह पाली से निर्दलीय लोकसभा सांसद चुने गए थे। बीकानेर राज परिवार के पूर्व करणी सिंह पांच बार बीकानेर से निर्दलीय सांसद रहे हैं। वे 1952 से लेकर 1971 तक लगातार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।बूटा सिंह भी निर्दलीय सांसद रहे
पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बूटा सिंह भी 1998 में टिकट कटने के बाद बागी होकर जालोर से निर्दलीय चुनाव लड़े और सांसद चुने गए थे।अब तक ये चुने गए निर्दलीय सांसद
नाम———- वर्ष ———- लोकसभा सीटकरणी सिंह 1952 से 1971 बीकानेर
हरिश्चंद्र शर्मा———- 1957——– जयपुर
जीडी सोमानी——— 1957——– नागौर
जसवंत राज मेहता—- 1952——- जोधपुर
कृष्णा कुमारी——– 1971——- जोधपुर
काशीराम गुप्ता—— 1962——- अलवर
गिरिराज सिंह——- 1952——– भरतपुर
जनरल अजीत सिंह– 1952——- पाली
भवानी सिंह———- 1952—— जालौर
बूटा सिंह———- 1998——- जालौर
किरोड़ी लाल मीणा — 2009———दौसा