Rajasthan Assembly Session: राजस्थान में गुरुवार को बजट सत्र के दूसरे दिन की चर्चा हंगामेदार रही। आदिवासियों के डीएनए जांच वाले बयान पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से माफी मंगवाने और इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया। दरअसल हंगामे की शुरुआत पहले ही हो गई थी, जब शिव से विधायक रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) के सवाल का जवाब देने के लिए कोई मंत्री खड़ा नहीं हुआ था।
जवाब मिलने से पहले ही खत्म हुआ प्रश्नकाल
प्रश्नकाल के अंत में रविन्द्र सिंह भाटी का सवाल आया। भाटी ने कहा कि उनके प्रश्न का जवाब तो आ गया है, वे पूरक प्रश्न पूछ रहे हैं। उसका जवाब दें। भाटी ने प्रश्न पूछ लिए, लेकिन जवाब देने के लिए कोई मंत्री ही खड़ा नहीं हुआ। भाटी ने पूछा जवाब कौन देगा? इस पर विपक्ष फिर से खड़ा हो गया और हंगामा करना शुरू कर दिया तो हड़बड़ा कर विधि मंत्री जोगाराम पटेल खड़े हुए और बोला कि मैं हूं ना जवाब देने के लिए। भाटी ने शिव विधानसभा में सीएसआर फंड से किए गए कार्यों की जानकारी का प्रश्न लगाया था। हालांकि जब तक मंत्री भाटी के सवाल का जवाब देते तब तक प्रश्नकाल का समय समाप्त हो चुका था।
विपक्ष ने किया हंगामा
राजस्थान विधानसभा में भाटी ने पूछा था कि शिव में राजस्थान स्टेट माइन्स एंड मिनरल की ओर से 2018-19 CSR फंड के तहत कितनी राशि स्वीकृत की गई है। शिव विधानसभा क्षेत्र में कितने लोगों के स्वास्थ्य की जांच हुई, कितनी राशि की निशुल्क दवाओं का वितरण किया गया। जब भाटी के सवाल के जवाब में जब कोई मंत्री नहीं खड़ा हुआ तो विपक्ष ने हंगामा किया। ऐसे में भाटी आखिर तक पूछते रहे कि मेरे जवाब तो दीजिए, कौन है डिपार्टमेंट का मंत्री, कौन है जवाब देने वाला यहां?
विधायक इंद्रा बोलीं सवाल किससे पूछूं
कांग्रेस विधायक इंद्रा ने बामनवास के बाटौदा में कृषि मंडी को लेकर सवाल किया। उस समय चार-पांच मंत्री खड़े हुए थे तो इंद्रा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यही पता नहीं लग रहा कि जवाब किस मंत्री को देना है। इस पर अध्यक्ष ने टोका तो इंद्रा ने कह दिया कि आप एक तरफा कार्रवाई कर रहे हो। खाद्य मंत्री सुमित गोदारा खड़े हुए और कहा कि कांग्रेस पहले यह तो तय कर लें कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ही हैं ना। गोविन्द सिंह डोटासरा बार-बार क्यों खड़े होते हैं?