आरएएस बनी बीनू की निगाह अब आईएएस पर
महिला साक्षरता के मामले में जालौर सबसे पीछे है ऐसे में मैं उम्मीद करती हूं कि मेरी सफलता वहां की महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी। चूंकि मेरी नियुक्ति सब.डिविजनल मजिस्ट्रेट के पद पर होगी इसलिए मेरी कोशिश रहेगी कि मैं महिला साक्षरताए सशक्तिकरण एवं सुरक्षा पर काम करूं। यह कहना है आई आई एस डीम्ड विश्वविद्यालय की छात्रा बीनू देवल का जिन्होंने आरएएस परीक्षा २०१८ में ८वीं रैंक हासिल क है। विश्वविद्यालय में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बीनू बताती हैं कि आरएएस बनने का बीज आईआईएस विश्वविद्यालय में ही पनपा था जब वो एमबीए.एचआर का कोर्स कर रही थीं। शिक्षकों ने बीनू की काबीलियत को देखते हुए विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिविल सर्विस प्रेपरेटरी क्लासेस में दाखिला लेने की सलाह दी। बीनू का मानना है कि यह विश्वविद्यालय के शिक्षकों का उनपर भरोसा व उनके द्वारा दिए गए सही मार्गदर्शन का ही नतीजा था कि उन्होंने पहले ही प्रयास में सिर्फ एक माह की तैयारी में ही प्री.लिम्स उत्तीर्ण कर लिया था।
यह उनकी दूसरा प्रयास है। बीनू ने कहा कि पहले प्रयास में मैंने ज़्यादा अच्छे से तैयारी नहीं की थी तो सोचा क्यों न इस बार पूरी लगन के साथ तैयारी करके देखूं और अंतत: मेरी मेहनत रंग लाई। उनका कहना है कि उन्होंने वीकली टाईमटेबल बनाकर टॉपिक के अनुसार पढ़ाई की और टेस्ट सीरीज पर फोकस किया। मेरा लक्ष्य अब आईएएस बनना है।