जयपुर

19 साल बाद आया दुर्लभ संयोग, इस वर्ष चातुर्मास रहेगा 149 दिन का

जैन धर्मावलम्बियों के लिए वर्ष 2023 खास है, जहां चातुर्मास की अवधि करीब पांच माह, 149 दिन का रहेगा। वहीं दूसरी और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण के 2550वें वर्ष की शुरुआत भी चातुर्मास पूर्णाहुति के 15 दिवस पूर्व मनाने का मौका होगा।

जयपुरJan 27, 2023 / 10:26 am

Santosh Trivedi

हर्षित जैन/जयपुर। जैन धर्मावलम्बियों के लिए वर्ष 2023 खास है, जहां चातुर्मास की अवधि करीब पांच माह, 149 दिन का रहेगा। वहीं दूसरी और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण के 2550वें वर्ष की शुरुआत भी चातुर्मास पूर्णाहुति के 15 दिवस पूर्व मनाने का मौका होगा। श्रमण डॉ.पुष्पेन्द्र के मुताबिक अधिकमास हर तीसरे साल में आता है पर श्रावण मास के कारण पांच माह के चातुर्मास का दुर्लभ संयोग वर्ष 2004 में हुआ था। अब 19 साल बाद फिर से यह संयोग खास होगा। ऐसे में चातुर्मास के आयोजनों में एक माह अधिक होने की वजह से तप-आराधना का समय एक माह और मिलेगा। इससे इस साल विभिन्न धार्मिक आयोजनों की अधिकता रहेगी।

 

ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ के मुताबिक नवसंवत्सर में 13 महीने होंगे और अधिकमास से श्रावण मास 59 दिन का रहेगा। अधिकमास की अवधि 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगी। यानि जुलाई के बाद आने वाले सभी बड़े पर्व 2022 की तुलना में 12 से 19 दिन की देरी से आएंगे। श्वेताबंर—दिगंबर जैन समाज के 30 से अधिक बड़े संतों के चातुर्मास जयपुर में रहेंगे।

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हर साल 120 दिन के आसपास होती है अवधि
जैन मान्यतानुसार चातुर्मास आषाढ़ शुक्ला चौदस से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक रहता है। हर साल चातुर्मास के दिवस 120 होते हैं। इस वर्ष श्रावण मास की अधिकता से चातुर्मास दो जुलाई से शुरू होकर 27 नवंबर तक होने से कुल 149 दिवसीय चातुर्मासिक समय रहेगा। राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के संरक्षक अशोक बांठिया ने बताया कि 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2550 वें निर्वाण वर्ष की शुरुआत भी 12 नवंबर को होगी।

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19 साल बाद फिर बनेगा संयोग
वर्ष 2023 में श्रावण मास अधिक होने से इस वर्ष पर्यूषण महापर्व की धर्म आराधना 11 सितंबर से शुरू होकर पूर्णाहूति संवत्सरी महापर्व के दिवस 19 सितंबर पर होगी। राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन के मुताबिक चातुर्मास के आयोजनों में पूरा धर्म लाभ मिलेगा। पुनः 19 साल बाद वर्ष 2042 में श्रावण मास की अधिकता रहेगी, इसके पश्चात वर्ष 2061, 2080 व 2099 में भी श्रावण मास की अधिकता रहेगी जिससे इन वर्षों में चातुर्मास पांच माह का रहेगा।

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