जयपुर

जलमग्न हुए 50 साल पुराने बिजलीघर से अब मिलेगी 10.32 लाख यूनिट बिजली

Rana Pratap Sagar Hydro Power Station: प्रदेश में बिजली संकट के बीच राहत की खबर है। 50 साल पुराने राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के राणा प्रताप सागर के जलमग्न बिजलीघर से विद्युत उत्पादन शुरू हो गया है।

जयपुरJan 22, 2023 / 01:52 pm

Girraj Sharma

जलमग्न हुए 50 साल पुराने बिजलीघर से अब मिलेगी 10.32 लाख यूनिट बिजली

जयपुर। प्रदेश में बिजली संकट के बीच राहत की खबर है। 50 साल पुराने राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के राणा प्रताप सागर के जलमग्न बिजलीघर से विद्युत उत्पादन शुरू हो गया है। राणा प्रताप सागर बांध पर बने हाइडल बिजलीघर से बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। 43 मेगावाट क्षमता की इस इकाई से 10.32 लाख यूनिट बिजली उत्पादन हो सकेगा।

राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक आर.के. शर्मा ने बताया कि राणा प्रताप सागर पन विद्युत गृह की 43 मेगावाट क्षमता की इकाई संख्या 1 से दिसम्बर 2021 व इकाई संख्या 4 से जून 2022 से फिर से बिजली उत्पादन शुरू हो चुका था, अब 43 मेगावाट क्षमता की इकाई संख्या 3 को सिक्रोनाइज कर पुनः विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया गया है। पूर्ण क्षमता से संचालित होने पर इस इकाई से प्रतिदिन 10.32 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन किया जायेगा।

अब प्रतिदिन 30 लाख यूनिट बिजली मिलेगी
मुख्य अभियंता मुख्यालय व जल विद्युत गृह देवेन्द्र श्रृंगी ने बताया कि 29 दिसम्बर 2021 को पहली यूनिट के सिन्क्रोनाइज होने एवं कुछ ही दिनों में पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन करने से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 83 मिलियन यूनिट का उत्पादन हुआ, जो वर्तमान बिजली दर से लगभग 40 करोड़ होता है। जबकि यूनिट पर खर्च मात्र 50 लाख किया गया। इसके बाद यूनिट चार के लिए प्रयास प्रारम्भ कर दिये एवं पांच माह बाद जून-2022 में इससे विद्युत उत्पादन प्रारम्भ कर दिया गया। इन दो इकाइयों के संचालन से अब तक 370 मिलियन यूनिट से ज्यादा विद्युत उत्पादन किया जा चुका है जो वर्तमान बिजली दर से तकरीबन 180 करोड़ रूपये मूल्य की होगी। ये दोनों इकाइयाँ प्रतिदिन 20 लाख यूनिट बिजली उत्पादित कर राज्य को गंभीर बिजली संकट के दौर में अनवरत सबसे सस्ती सबसे हरित सबसे स्वच्छ बिजली प्रदान कर रही है। अब 3 इकाइयों से राणा प्रताप सागर पन बिजलीघर प्रतिदिन 30 लाख यूनिट बिजली प्रदान करेगा।

2019 में में हो गई थी जलमग्न
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के राणा प्रताप सागर पन बिजलीघर की विद्युत इकाईयाँ वर्ष 2019 में चंबल नदी में आई भीषण जल विभिषिका में पूर्णतः जलमग्न हो गयी थी एवं 50 वर्ष पुरानी इन इकाइयों से पुनः विद्युत उत्पादन को असंभव मान लिया गया था। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम प्रशासन के अभियन्ताओं के प्रयासों से ये फिर से शुरू हो पाई है।

 

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सबसे पुराना बिजली घर
राणा प्रताप सागर पन बिजलीघर राजस्थान राज्य का सबसे पुराना बिजलीघर है। राजस्थान एवं मध्यप्रदेश राज्यों की साझा चम्बल घाटी परियोजना के अन्तर्गत वर्ष 1968 में चम्बल नदी पर बने राज्य के राणा प्रताप सागर बांध पर स्थापित 172 मेगावाट (43 मेगावाट x 4 यूनिट) क्षमता के पन बिजलीघर का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने किया था।

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