धारीवाल की अध्यक्षता में सोमवार को उनके निवास पर हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। बैठक में तय किया गया कि अगले साल बारिश से पहले सभी निर्माण हटा दिए जाएंगे। बहाव क्षेत्र में आने वाला हर अतिक्रमण ध्वस्त किया जाएगा, चाहे कितना ही बड़ा निर्माण हो। बैठक में प्रमुख सचिव यूडीएच भास्कर ए. सावंत, सचिव एलएसजी भवानी सिंह देथा, आयुक्त जेडीए टी. रविकांत, निदेशक एवं संयुक्त सचिव स्वायत्त शासन विभाग उज्जवल राठौड़, मुख्य नगर नियोजक आर.के. विजयवर्गीय, संयुक्तसचिव यूडीएच हृदेश कुमार शर्मा सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।
6 महीने में देना होगा नीलामी का पूरा पैसा
बैठक में नई नीलामी नीति पर विस्तार से चर्चा की गई है। आगामी 4-5 दिवस में नई नीलामी नीति तैयार हो जाएगी। धारीवाल ने बताया कि नई नीति के तहत बोली दाता को कई रियायतें दी गई है। जिसमें नीलामी के तुरंत बाद 25 प्रतिशत के बजाय केवल 15 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी तथा शेष राशि जमा कराने के लिए एक महीने की बजाय 6 महीने तक का समय मिलेगा। यदि कोई नीलामीकर्ता पूर्ण राशि एक माह में जमा कराएगा तो उसे 1 प्रतिशत राशि की छूट मिलेगी। पूर्व में नीलामीकर्ता को एक माह में 75 प्रतिशत राशि जमा करनी होती थी। उन्होनें बताया कि इसी प्रकार के कई रियायती प्रावधान और निर्णय भी जनहित में लिए गए हैं।
बैठक में नई नीलामी नीति पर विस्तार से चर्चा की गई है। आगामी 4-5 दिवस में नई नीलामी नीति तैयार हो जाएगी। धारीवाल ने बताया कि नई नीति के तहत बोली दाता को कई रियायतें दी गई है। जिसमें नीलामी के तुरंत बाद 25 प्रतिशत के बजाय केवल 15 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी तथा शेष राशि जमा कराने के लिए एक महीने की बजाय 6 महीने तक का समय मिलेगा। यदि कोई नीलामीकर्ता पूर्ण राशि एक माह में जमा कराएगा तो उसे 1 प्रतिशत राशि की छूट मिलेगी। पूर्व में नीलामीकर्ता को एक माह में 75 प्रतिशत राशि जमा करनी होती थी। उन्होनें बताया कि इसी प्रकार के कई रियायती प्रावधान और निर्णय भी जनहित में लिए गए हैं।
परकोटा के लिए विशेष भवन विनियम
धारीवाल ने कहा कि जयपुर शहर के परकोटा क्षेत्र को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। वर्तमान में जारी भवन विनियमों 1970 में आवश्यक परिवर्तन कर परकोटा क्षेत्र का संरक्षण किया जाए। इसके लिये शीघ्र ही विशेष भवन विनियम लागू होंगे एवं उनकी सख्ती से पालना की जाएगी, जिससे चार दीवारी के भीतर परकोटा क्षेत्र को यूनेस्को द्वारा जो सम्मान दिया गया है। उसे हम कायम रख सकेंगे। यह कार्यवाही आगामी एक पखवाड़े में संभावित है।
धारीवाल ने कहा कि जयपुर शहर के परकोटा क्षेत्र को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। वर्तमान में जारी भवन विनियमों 1970 में आवश्यक परिवर्तन कर परकोटा क्षेत्र का संरक्षण किया जाए। इसके लिये शीघ्र ही विशेष भवन विनियम लागू होंगे एवं उनकी सख्ती से पालना की जाएगी, जिससे चार दीवारी के भीतर परकोटा क्षेत्र को यूनेस्को द्वारा जो सम्मान दिया गया है। उसे हम कायम रख सकेंगे। यह कार्यवाही आगामी एक पखवाड़े में संभावित है।