यह भी पढें : देश में दूसरे नंबर पर है राजस्थान, जहां लगी इंटरनेट पर सर्वाधिक पाबंदी पुलिस सूत्रों की माने तो भरत की मौत के मामले को उन्होंने भी हल्का नहीं लिया है। साधारण मामलों की बजाए भरत के पोस्टमार्टम के दौरान विसरा और पैथोलॉॅजी जांच के लिए जो नमूने लिए गए थे। उन्हें डीसीपी के पत्र के साथ राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग में जांच के लिए जमा करवा दिए गए हैं। डीसीपी सत्येन्द्र सिंह ने पत्र में कहा है कि यह एक गंभीर मामला है, इसे अन्य साधारण मामलों की तहर नहीं लिया जाए और ना ही लंबित प्रकरणों के बाद निस्तारण किया जाए। इन नमूनों को प्राथमिकता से लेकर पहले जांच कर रिपोर्ट दी जाए।
यह भी पढें : शारदीय नवरात्र 21 से, खूब फलदायी रहेंगे इस बार, जानें क्या रहेगा खास लात, घूंसे, लाठी, सरिया इसका पता नहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि चोट कैसे लगी, इसका पता नहीं चल सका है। परिजनों ने आशंका जताई है कि भरत के साथ लात, घूंसे या लाठी, सरियों से मारपीट की गई या फिर रिक्शा में ही बैठे रहने के दौरान धक्का मुक्की की गई। भरत के परिजनों ने बताया कि उनको पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली, इसके बाद रामगंज थाने में हत्या का मामला दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।