राजस्थान में रक्षाबंधन की तैयारियां जोर-शोर के साथ मनाई जा रही हैं। पर भद्रा की वजह से रक्षाबंधन का त्योहार मनाने वालों के मन में संशय है, रक्षाबंधन कब मनाएं? ज्योतिषाचार्यों और पंड़ितों के मतानुसार, इस बार राखी का त्योहार दिन में नहीं रात में मनेगा। दिनभर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा के डर से ढेर सारे लोग रक्षाबंधन का त्योहार रात 9.02 बजे के बाद मनाएंगे। रात 9.02 बजे बाद बहनें भाई की कलाई में राखी बांधेंगी। जयपुर के मशहूर मंदिर गोविंददेवजी में 30 अगस्त नहीं 31 अगस्त को राखी का त्योहार मनेगा। आराध्य गोविंददेवजी को दूसरे दिन शृंगार झांकी में राखी बांधी जाएगी। साथ ही विशेष झांकी के दर्शन होंगे।
30 अगस्त को कार्यालय में जमा करा दें राखी
गोविंददेवजी मंदिर जयपुर में 31 अगस्त सुबह 9.30 से सुबह 10.15 के बीच ठाकुर श्रीजी के राखी धारण दर्शन शृंगार झांकी में होंगे। मंदिर प्रबंधन का कहना है ठाकुरजी के राखी धारण कराने के लिए राखी व अन्य सामग्री एक दिन पहले ही 30 अगस्त को मंदिर कार्यालय में जमा करानी होगी।
श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त सुबह 10.59 बजे शुरू होकर 31 अगस्त सुबह 7.06 मिनट तक रहेगी। रक्षाबंधन के दिन 30 अगस्त को पूर्णिमा के साथ ही सुबह 10.59 बजे भद्रा शुरू हो जाएगा। रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रात 9.02 बजे तक रहेगा। इसलिए रात को ही बहनें राखी बांध सकेंगी। रात 9.02 मिनट से मध्यरात्रि 12.28 मिनट के बीच सिर्फ 3.26 घंटे का ही समय ही राखी बांधने के लिए मिलेगा।