रक्षाबंधन Raksha Bandhan 2020 जयपुर.
सावन माह के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन यानि श्रावण पूर्णिमा पर राखी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह दिन 3 अगस्त को है इसलिए देश में आज रक्षाबंधन का पर्व परंपरागत उत्साह से मनाया जा रहा है। कोरोना की वजह से अधिकांश जगहों पर अभी भी लाकडाउन चल रहा है, जिससे ज्यादातर भाई—बहनों की मुलाकात संभव नहीं है। ऐसे में कई भाइयों की कलाई सूनी ही है।
सावन माह के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन यानि श्रावण पूर्णिमा पर राखी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह दिन 3 अगस्त को है इसलिए देश में आज रक्षाबंधन का पर्व परंपरागत उत्साह से मनाया जा रहा है। कोरोना की वजह से अधिकांश जगहों पर अभी भी लाकडाउन चल रहा है, जिससे ज्यादातर भाई—बहनों की मुलाकात संभव नहीं है। ऐसे में कई भाइयों की कलाई सूनी ही है।
हालांकि ऐसे भाई—बहनों के लिए राहत की बात यह है कि रक्षाबंधन के दिन के अलावा भी कई दिन हैं जब राखी बांधी जा सकती है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि 3 अगस्त को श्रवण नक्षत्र दिनभर रहेगा। इसके साथ ही पूर्णिमा तिथि भी रात में 9.30 बजे तक रहेगी। इसलिए सुबह से लेकर रात 9.30 बजे तक किसी भी शुभ मुहुर्त में राखी बांधी जा सकती है। यदि लाकडाउन के कारण कोई बहन आज अपने भाई को राखी नहीं बांध पाए तो भी कोई परेशानी नहीं है।
शास्त्रों में बताया गया है कि श्रावण पूर्णिमा के बाद के आठ दिनों तक रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है। इसका अर्थ यह है कि 4 अगस्त से शुरू हो रहे नए माह भाद्रपद अथवा भादों माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तक राखी बांधी जा सकती है। भाद्रपद अष्टमी तक बहन अपने भाई को किसी भी शुभ मुहूर्त में राखी बांध सकती है।