सफाई कर्मचारियों के नियमितिकरण व अन्य मांगों को लेकर सांसद किरोड़ी लाल मीणा द्वारा टोंक रोड जाम करने के खिलाफ ज्योति नगर थाना में मामला दर्ज किया गया है। इस एफआईआर को मीणा ने राजनीतिक द्वैषतापूर्ण की गई कार्रवाई करार दिया है। इस संबंध में किरोड़ी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डीजीपी एमएल लाठर और कमिश्नर को पत्र लिखकर मुकदमे का निस्तारण करने की मांग की है।
मीणा ने कहा कि ग्रेटर तथा हेरिटेज नगर निगम के सफाई कर्मियों के नियमितीकरण, बकाया वेतन का एरियर और सफाई कर्मचारी संघ के चुनाव कराने की मांग को 400 से 500 सफाईकर्मी नगर निगम कार्यालय में एकत्रित हुए थे। इन्हें प्रशासन द्वारा बाहर निकाल दिया गया। इमैं भी ग्रेटर नगर निगम कार्यालय पहुंच गया जहां पुलिस ने निगम कार्यालय में घुसने से रोका, जिसके कारण हम सभी को टोंक रोड पर नगर निगम कार्यालय के सामने खड़ा रहना पड़ा। उस समय यातायात में हमने किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं डाला। कुछ समय नगर निगम कार्यालय के बाहर रुकने के बाद स्वास्थ्य शासन विभाग के निदेशक ने हमें अंदर बुला लिया और समझौता वार्ता के बाद सभी सफाई कर्मचारी तितर-बितर हो गए। मगर राजनीतिक दबाव में पुलिस द्वारा मुझ सहित अनेक सफाई कर्मियों को नामजद एक एफआईआर की गई है। जो द्वैषतापूर्ण कार्रवाई है।
कांग्रेस के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं ? किरोड़ीलाल ने लिखा कि सत्ताधारी कांग्रेस ने 7 से 13 जुलाई तक पूरे राज्य में महंगाई के विरोध में बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन किए गए। जहां धारा 144 के साथ कोरोना गाइडलाइंस की पालना नहीं हुई। उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज नहीं की गई क्योंकि वह सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता और नेता थे। जबकि हमने मौखिक अनुमति लेने के बाद लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को निगम के अधिकारियों के समक्ष रखा था, जहां सभी ने मास्क लगा रखे थे तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी की थी। इस प्रकार की भेदभाव पूर्ण कार्यवाही किया जाना किसी भी प्रकार से न्याय संगत नहीं है।