गैंगवार में ‘सीकर बॉस’ राजू ठेहट की हत्या
किसी पार्टी से नहीं जुड़ा था राजू बता दें कि राजू ठेहट की सोशल मीडिया पोस्ट में कहीं पर भी किसी पार्टी का जिक्र नहीं हैं। ना ही पार्टी का नाम था और ना ही पार्टी का सिंबल किसी भी सोशल मीडिया पोस्ट पर देखने को मिला। हालांकि राजू ठेहट दांतारामगढ़ क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहकर लोगों के बीच जाता था। जनता के बीच संपर्क साधने की कोशिश लगातार जारी थी। हालांकि राजू ने अपना आखिरी फेसबुक पोस्ट 29 अक्टूबर को किया था। जिसमें उसने इंस्टाग्राम अकाउंट की जानकारी फेसबुक पर शेयर की थी। वहीं, उससे पहले दशहरे की बधाई देते हुए पोस्ट 5 अक्टूबर को की गई थी।राजू ठेहट को मारने के लिए बदमाश कोचिंग की यूनिफॉर्म पहनकर आए। ये चार हमलावार उस पर फायरिंग करते नजर आ रहे हैं। आरोपी गोली मारकर एक बार भागते और लौटकर फिर गोलियां मारते दिख रहे हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने नाकाबंदी कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। गौरतलब है कि राजू ठेठ और आनंदपाल गैंग की लंबे समय से दुश्मनी थी। इससे पहले भी 2014 में राजू ठेठ पर हमला हुआ था। जिसमें वह बच गया था। 2017 में आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद गैंगवार खत्म होने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन, घटना ने फिर गैंगवार को हवा दे दी है।