गांधी के रोल में खुद को ढाला मुझे पहली बार श्याम बेनेगल का फोन आया और मुझे मेकअप टेस्ट के लिए बुलाया। टेस्ट के तीन दिन बाद मुझे पता चला कि मोहनदास का रोल प्ले करना है। तब श्याम बेनेगल ने मुझे माय एक्सपीरियंस विद ट्रूथ बुक दी। मूवी में गांधी का रोल निभाने के बाद मुझे लगता है कि मैं अपनी निजी जिंदगी में ज्यादा अटल बन गया हूं। रोल के बाद मैं सत्य हठी हो गया। जिस काम को शुरू करता हूं उसे खत्म करके ही दम लेता हूं। ये कुछ बदलाव जो मेरी रियल लाइफ में हुए है। फिल्म से हर व्यक्ति का अपना अपना एक अलग जुड़ाव है। मेरी जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी।