कांग्रेस आलाकमान ने दिखाए सख्त तेवर, गहलोत-पायलट खेमे को लेकर लिया ये बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री द्वारा भाजपा पर सरकार गिराने के षडय़ंत्र के आरोप पर राठौड़ ने कहा कि उनके बयान को गंभीरता से नहीं लेते, क्योंकि वे बिना आधार के बात करते हैं। उन्होंने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कराया और राज्य के मुख्यमंत्री सोनिया गांधी से माफी मांगते हैं। अब जब कुर्सी हिली हुई है तो पर्यवेक्षकों को सीख दे रहे हैं। आलाकमान का राग अलाप रहे हैं। साथ ही इस्तीफे के मामले पर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को नियमानुसार जल्दी इन पर निर्णय लेना चाहिए, नियमों के अनुसार ज्यादा दिन लंबित नहीं रख सकते।
‘CM गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते तो देश का नेतृत्व करते, अध्यक्ष के बाद PM बनते’
राठौड़ ने कहा कि एकतरफ तो मंत्री इस्तीफे का नाटक करते हैं, दूसरी तरफ स्थानान्तरण उद्योग में लगे हैं। प्रदेश में भ्रष्टाचार का तांडव चल रहा है, नैतिकता नहीं रही है। त्यागपत्र की नौटंकी को जनता समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की राजनीति अब बदलाव की और है। गायों की चित्कार प्रदेश सरकार को लगेगी और समय के कालचक्र के साथ सरकार अपने आप ही समाप्त हो जाएगी। लंपी को लेकर राठौड़ ने कहा कि सरकार लापरवाह रही। पशुओं की बीमा योजना बंद की थी, अब वापस चालू करने की नौटंकी कर रहे हैं। गांवों में मानव संसाधन व दवाओं की कमी है।