राठौड़ ने कहा कि मैंने 8 साल तक भाजपा सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुखिया के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है और चिकित्सा मंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान चिकित्सकों के मान-सम्मान और हर जायज मांग के लिए सकारात्मक सोच के साथ कार्य किया है।
राठौड़ ने कहा कि गर्भवती महिला को गलत इंजेक्शन लगाकर मौके से फरार होने वाले डॉक्टर को हत्यारे की संज्ञा नहीं दी जाएगी तो क्या कहा जाएगा। पेशेवर डॉक्टर सेवा ग्रहण के दौरान मरीज की निःस्वार्थ भाव से सेवा करने की शपथ लेते हैं लेकिन रामपुरा में डॉक्टर ने गलत इंजेक्शन लगाकर इलाज में गंभीर लापरवाही बरती है और एक आपराधिक कृत्य को अंजाम देते हुए अपनी शपथ की मर्यादा को तोड़ा है।
राठौड़ ने कहा कि मेरा बयान ‘सफेद कपड़े पहने यह लोग हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं’ यह संपूर्ण चिकित्सक समुदाय के लिए नहीं है बल्कि यह इलाज में लापरवाही बरतते हुए प्रसूता की जान लेने वाले रामपुरा में कार्यरत उक्त डॉक्टर के लिए कहा गया है। बाकि अन्य डॉक्टरों से मेरे बयान का कोई संबंध नहीं है।
राठौड़ ने कहा कि कुछ ऐसे लोग जो अपने राज में बैठे आकाओं को खुश करने के लिए मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं और चिकित्सक समाज के अंदर मेरे खिलाफ दुष्प्रचार कर नफरत फैलाने का प्रयास कर रहे हैं यह बेहद निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण है।
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को निभाने में ऐसी कोई लापरवाही नहीं बरते जिससे आमजन पर संकट आये। अगर रामपुरा जैसी घटना की पुनरावृत्ति होती है तो मैं सदैव पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने की लड़ाई को अपनी लड़ाई मानकर उनके साथ खड़ा मिलूंगा। क्योंकि राजस्थान की जनता मेरा परिवार है जिनके हितों की रक्षा करना मेरा परम कर्त्तव्य है।
चुरू जिले के गांव रामपुरा के निवासी राजेंद्र मीणा की पत्नी रचना मीणा 9 माह की गर्भवती थी जिन्हें प्रसव पीड़ा होने पर परिजन आदर्श राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुरा लेकर आए थे लेकिन डॉक्टर ने प्रसूता को गलत इंजेक्शन लगा दिया जिस वजह से प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी तब डॉक्टर मौके से भाग गया।