राठौड ने कहा कि पायलट का यह कहना कि इस मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए थी, वह बिल्कुल सही है। भाजपा नेता ने कहा कि वास्तव में यदि जवाबदेही पहले तय हो जाती तो शायद इतना बवाल नहीं होता, लेकिन सरकार की संवेदनहीनता से चिकित्सा व्यवस्था चरमराई हुई है। कोटा के बाद बूंदी, जोधपुर और अलवर में शिशुओं की मौत राजस्थान की सरकार पर कलंक है।
राठौड ने कहा कि सरकार की संवेदनहीनता के बाद सोनिया गांधी ने सचिन पायलट को पूरे मामले की वस्तु स्थिति की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कोटा भेजा। उन्होंने कहा कि पायलट का यह स्वीकार करना कि शिशुओं की मृत्यु किन संसाधनों की कमी के कारण हुई इसकी भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए, सरकार की अकर्मण्य कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
राठौड ने कहा कि चिकित्सा विभाग सहित जनता से जुड़ा राज्य का हर विभाग कांग्रेस की गंभीर गुटबंदी का शिकार है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण कल राज्य के चिकित्सा मंत्री व यातायात मंत्री का कोटा दौरा व 24 घंटे में उप मुख्यमंत्री सहित खाद्य मंत्री व सहकारिता मंत्री के दौरे से स्वत: ही स्पष्ट होता है। इस आपसी खींचतान का खामियाजा प्रदेश की आम जनता को उठाना पड़ रहा है।
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकारें सामुदायिक उत्तरदायित्व के संवैधानिक प्रावधानानुसार चलती है, ऐसे में उप मुख्यमंत्री पायलट की ओर से शिशुओं की असामयिक मृत्यु पर जवाबदेही निर्धारण की बात स्वत: ही चिकित्सा मंत्री को त्याग पत्र देने की ओर इशारा है तथा सरकारी तंत्र की विफलता को पूर्णतया उजागर करता है।
गहलोत के बयान को बताया शर्मनाक राठौड ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से नागरिकता संशोधन कानून लागू होने पर रूस और पाकिस्तान की तरह भारत के टुकडे होने के बयान को शर्मनाक बताया है।