बताया जा रहा है कि ये अफसर आवंटित देश और राज्यों के छोटे-बड़े निवेशकों से लगातार संपर्क में रहेंगे। जरूरत पड़ी तो मीटिंग के लिए विदेश भी जाएंगे। इन्हें अगले चार साल में कम से कम 3 से 4 बड़े निवेशकों को राजस्थान लाने की प्लानिंग पर काम करना होगा। पहली बार है जब कोई सरकार इस स्तर पर प्लानिंग कर रही है।
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परफॉर्मेंस या प्रोत्साहन से जोड़ेंगे
सरकार आईएएस को दिए गए इस काम को उनकी परफॉर्मेंस या प्रोत्साहन से जोड़ने पर भी विचार कर रही है। ऐसा होता है तो बेहतर परिणाम देने वाले संबंधित आईएएस को किसी न किसी रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा। गुजरात में जब ‘वाइब्रेंट गुजरात’ की शुरुआत की गई थी, तब वहां भी इसी से जुड़ी प्रक्रिया अपनाई गई थी। यह भी पढ़ें