– आने वाले दिनों में और तीखे होंगे सर्दी के तेवर जयपुर। राजधानी जयपुर सहित प्रदेश में मौसम ने अपनी चाल बदल ली है। इस कारण आज सुबह से ही जयपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में सर्दी का जोर बढ़ गया है। सर्दी बढ़ने से लोगों ने आज से ही गर्म कपड़ों का प्रयोग भी शुरू कर दिया है। वहीं प्रदेश के पूर्वी जिलों में भी सर्दी का जोर बढ़ रहा है। विंड पैटर्न में आ रहे बदलाव व उत्तरी हवाओं के चलने से सर्दी के तेवर तीखे हो रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी दिनों में सर्दी के तेवर और तीखे होंगे और कड़क व तेज सर्दी का दौर शुरू होगा।
जानकारी के अननुसार, प्रदेश में अब सर्दी की रंगत दिखाई देने लगी है। बीती रात शेखावाटी अंचल में पारा लुढ़कने पर लोगों को ठिठुरन महसूस हुई। वहीं सिरोही जिले में बीती रात पारा स्थिर रहा, लेकिन सर्दी के तेवर तीखे रहे। राजधानी जयपुर में बीती रात सीजन की सबसे सर्द रात रही और पारा दो डिग्री से ज्यादा गिरने पर शहरवासियों को अब सर्द मौसम का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग ने अगले एक दो दिन में दिन और रात के तापमान में और गिरावट होने व सर्दी का जोर बढ़ने की संभावना जताई है। वहीं सरहदी जिलों श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ में कोहरा छाने से जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आया।
गुलाबीनगर में सीजन की सबसे सर्द रात राजधानी जयपुर में बीती रात इस सीजन की सबसे सर्द रात रही। बीती रात पारा 2.8 डिग्री लुढ़क कर 16.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। शहर में उत्तरी हवा के असर से रात के अलावा दिन के तापमान में भी गिरावट का दौर अब शुरू हो गया है। हालांकि शहर में अब भी अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज हो रहा है लेकिन मौसम विभाग ने अगले दो तीन दिन में दिन व रात में पारा सामान्य या उससे कम रहने की उम्मीद जताई है।
शेखावाटी अचंल ठिठुरा, माउंटआबू भी सर्द मौसम विभाग की सूचना के अनुसार प्रदेश में बीती रात मौसम ने पलटा खाया और कई इलाकों में दो तीन डिग्री तक गिरावट होने पर अचानक से सर्दी का जोर बढ़ गया।
ठिठुराएगी सर्दी मौसम विज्ञानियों के अनुसार ला नीना सक्रिय नहीं होने से अब तक मौसम का मिजाज शुष्क रहा लेकिन अब ला नीना सक्रिय होने लगा है। इस बार प्रदेश में सर्दी धीमी गति से आगे बढ़ेगी। जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्मी, बरसात और सर्दी अपने अनुमानित समय से एक माह आगे खिसक गए हैं। यानि नवंबर में पड़ने वाली कड़ाके की सर्दी अब दिसंबर से शुरू होने और फरवरी तक सर्दी का सिलसिला चलने की संभावना है।
यह होता है ला निना ला नीना प्रशांत महासागर और ऊपर के वायुमंडल के बीच परस्पर क्रिया के कारण होता है। इसका दुनिया भर के मौसम पर प्रभाव पड़ सकता है। इसकी सक्रियता से मध्य और पूर्व- मध्य भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में महासागर की सतह के तापमान में कमी आती है और ठंड का चक्र शुरू होता है।