उम्मीद से कम बारिश
प्रदेश में मानसून के दूसरे दौर में भी बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई है वहीं दूसरी ओर कुछ इलाकों में बादलों की आवजाही रहने के बावजूद मेघ मेहरबान नहीं हो रहे हैं। ऐसे में ग्वार, मंूगफली, मक्का की फसलें जलने के कगार पर पहुंच गई हैं। वहीं अतिवर्षा से कुछ जिलों में फसलों को नुकसान भी हो रहा है। हालांकि मौसम विभाग ने आगामी दिनों में प्रदेश में अच्छी बारिश होने के संकेत दिए हैं।
प्रदेश में मानसून के दूसरे दौर में भी बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई है वहीं दूसरी ओर कुछ इलाकों में बादलों की आवजाही रहने के बावजूद मेघ मेहरबान नहीं हो रहे हैं। ऐसे में ग्वार, मंूगफली, मक्का की फसलें जलने के कगार पर पहुंच गई हैं। वहीं अतिवर्षा से कुछ जिलों में फसलों को नुकसान भी हो रहा है। हालांकि मौसम विभाग ने आगामी दिनों में प्रदेश में अच्छी बारिश होने के संकेत दिए हैं।
12 जिलों में आज बारिश संभव
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, टोंक, बूंदी, बारां, कोटा, झालावाड़, चित्तौडग़ढ़ में मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है। जयपुर में देर रात से लेकर अलसुबह तक हल्की फुहारों का दौर रहा। सुबह शहर में मेघ छाए रहने पर मौसम सुहावना रहा और धूप की तपिश से भी राहत मिली।
बीसलपुर बांध का घटा गेज
पिछले 24 घंटे में बीसलपुर बांध के जलस्तर में फिर से गिरावट दर्ज की गई है। बांध का जलस्तर एक सेंटीमीटर घटकर 313.95 आरएल मीटर दर्ज किया गया। जबकि सहायक नदी त्रिवेणी में पानी का बहाव 20 सेंटीमीटर बढक़र 2.60 मीटर पहुंच गया है। ऐसे में अब बांध के छलकने की उम्मीद भी कमजोर पडऩे लगी है। बांध की पूर्ण जलभराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है और अब भी बांध छलकने से 1.55 मीटर दूर है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, टोंक, बूंदी, बारां, कोटा, झालावाड़, चित्तौडग़ढ़ में मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है। जयपुर में देर रात से लेकर अलसुबह तक हल्की फुहारों का दौर रहा। सुबह शहर में मेघ छाए रहने पर मौसम सुहावना रहा और धूप की तपिश से भी राहत मिली।
बीसलपुर बांध का घटा गेज
पिछले 24 घंटे में बीसलपुर बांध के जलस्तर में फिर से गिरावट दर्ज की गई है। बांध का जलस्तर एक सेंटीमीटर घटकर 313.95 आरएल मीटर दर्ज किया गया। जबकि सहायक नदी त्रिवेणी में पानी का बहाव 20 सेंटीमीटर बढक़र 2.60 मीटर पहुंच गया है। ऐसे में अब बांध के छलकने की उम्मीद भी कमजोर पडऩे लगी है। बांध की पूर्ण जलभराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है और अब भी बांध छलकने से 1.55 मीटर दूर है।