आसमान से आफत बरसने का सिलसिला जारी
वहीं जैसलमेर शहर में सूरज की किरणों के रूप में आफत बरसने का सिलसिला जारी रहा। शहर का अधिकतम तापमान एक बार फिर 45 डिग्री को पार कर गया और यह 45.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। सोमवार को 4 दिनों के अंतराल के बाद अधिकतम तापमान 44 डिग्री पर आया था। बुधवार की सुबह से शुरू हुआ तन झुलसाने वाली गर्मी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी रहा। दोपहर में लू के थपेड़ों ने सड़कों पर निकले लोगों की हालत खस्ता कर दी। हर कोई अपने सिर-चेहरे आदि का बचाव करता नजर आया। सूरज का ताप इतना ज्यादा है कि कोलतार की सड़कें बेतहाशा ढंग से गर्मी फेंक रही है। शहर के व्यस्त सड़क मार्गों से लेकर बाजार आदि दोपहर से लेकर शाम तक वीरान ही दिखाई दे रहे हैं। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग होटलों-रिसोर्ट्स आदि में बने स्विमिंग पूल में नहाने के लिए पहुंचने लगे हैं।
इस साल उष्णकटिबंधीय चक्रवात नहीं आए
भारत में गर्मी के दिनों में मानसून से पहले बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उष्णकङ्क्षटबधीय चक्रवात बनते हैं तो तूफानी हवाओं के साथ बारिश लाते हैं और मौसम बदलते हैं। इस साल एक भी चक्रवात नहीं आया। पिछले साल जून में बिपरजोय आया था जो 21 दिन तक चला था। वर्तमान में मानसून मालदीव, श्रीलंका के बॉर्डर और भारत में निकोबर द्वीप तक पहुंच चुका है। दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र भी बन रहा है लेकिन इसके कमजोर होने की वजह से चक्रवाती तूफान में बदलने के आसान कम ही है।