धौलपुर जिले में चंबल का पानी करीब 120 गांव व ढाणियों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। गांवों के लोगों को ऊंचे स्थानों पर भेजा गया। बुधवार देर शाम चंबल का जलस्तर 144.60 पहुंच गया, जो कि खतरे के निशान से करीब 14.60 मीटर ऊपर है। यह पानी गुरुवार तक धौलपुर पहुंच जाएगा। बाढ़ प्रभावित 23 ग्राम पंचायतों के 65 राजस्व गांवो में 21 मेडिकल टीमें तैनात अलर्ट मोड़ पर कार्य करते हुए दवा वितरण कार्य कर रही है।
मंगलवार देर रात 3 बजे चम्बल नदी पर बने कोटा बैराज बांध के 10 गेट खोलकर एक लाख क्सूसेक पानी की निकासी की गई। देर रात 3 बजे कोटा बैराज के दस गेट खोलकर 1 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की गई। उसके बाद बुधवार को दिन तक 10 गेट खोलकर 78,760 क्यूसेक पानी की निकासी की गई। शाम को पानी की आवक कम होने से 4 गेट खोलकर 11 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई।
पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बना अति कम दबाव का क्षेत्र बुधवार को कमजोर होकर कम दबाव के क्षेत्र में परिर्वितत हो गया। यह अभी भी उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश व आसपास के क्षेत्र के ऊपर बना हुआ है। इसी कारण मध्यप्रदेश कुछ जिलों एवं उससे लगते राजस्थान के इलाकों में भी भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार कम दबाव के क्षेत्र के धीरे-धीरे कमजोर होने से पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों में कमी होने की संभावना है। हालांकि कोटा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश व एक दो स्थानों पर अति भारी बारिश होने की संभावना आगामी 24-48 घंटों के दौरान बनी रहेगी। 5 अगस्त को करौली, बूंदी, कोटा, बारां व सवाईमाधोपुर में एक-दो स्थानों पर अति भारी बारिश हो सकती है। वहीं 6 और 7 अगस्त सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर में भारी बारिश हो सकती है।