चर्चा में बोलते हुए दूदू विधायक बाबूलाल नागर ने कहा कि परिवान नियोजन के संबध में सरकार ने अपने स्तर पर कई प्रावधान कर रखे हैं। लेकिन मैं समझता हूं कि नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए सरकार को ऐसे प्रोत्साहन देने चाहिएं। अगर सरकारी नौकरी भी देनी पड़े और उसको नौकरी में लिया भी जाए तो निश्चिित रूप से जनसंख्या नियंत्रण हो सकता है। नागर ने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों में जो रिक्त पद हैं उनको भरा जाए।
चौंमू विधायक रामलाल शर्मा ने निरोगी राजस्थान नीति पर बोलते हुए कहा कि आप एक ऐसा कानून बनाएं कि जिसको राजकीय सेवा में जाना है, जिसके एक संतान रहेगी उसको प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार यह ओदश निकाल दे कि जो राज्य सरकार की सुविधाएं लेना चाहता है वह दो बच्चों तक सीमित रहे। इतना ही करने से आसानी से जनसंख्या नियंत्रित हो जाएगी।
चर्चा में बोलते हुए विधायक ज्ञानचंद पारख ने कहा कि छोटी-मोटी बीमारी सभी को होती है। लेकिन आदमी जब लंबे समय तक कष्ठ भुगतता है तो यह कहीं न कहीं हमारे बुरे कर्मों का फल है। यदि हम इस बात के लिए भी जागृति लाएं कि हम कोई गलत काम नहीं करेंगे,बेइमानी नहीं करेंगे किसी का शोषण नहीं करेंगे। पारख ने कहा सेवा के साथ सबको जोडा जाए। अगर कोई व्यक्ति किसी की मदद करता है सेवा करता है तो सेवा से बड़ा कोई टीका नहीं है।
चर्चा में बोलते हुए विधायक डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा कि आज विश्व में डायबिटीज सबसे गंभीर बीमारी है। इसलिए इस बीमारी में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। क्योंकि यह बीमारी शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि बच्चा पैदा हुआ और पता चला कि बच्चे को डायबिटीज है। उन्होंने कहा कि जेकेलोन अस्पताल में बच्चों के हार्ट के ऑपरेशन के लिए कार्डियोलॉजी विभाग नहीं है। जेकेलोन से बच्चों को एसएमएस अस्पताल जाना पड़ता है।