लोकसभा सांसद चुनाव के लिए ये हैं नियम
नियमों के अनुसार यदि लोकसभा और विधानसभा आम चुनावों में एक साल से कम समय बचा हो और कोई सीट खाली हो गई हो तो उस पर उपचुनाव करवाने की बाध्यता नहीं है। चारों ही सांसदों ने दिसम्बर में ही इस्तीफा दिया है और अगले साल मार्च-अप्रैल में लोकसभा आम चुनाव की आचार संहिता लगने की संभावना है। आम चुनाव में तीन-चार माह का ही समय बचा है। ऐसे में इन सीटों पर उपचुनाव करवाया जाना जरूरी नहीं है। यदि आम चुनावों में एक साल से ज्यादा का समय हो तो फिर छह माह में उपचुनाव करवाना जरूरी है।
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राज्यसभा की खाली सीट पर छह माह में उपचुनाव करवाना जरूरी
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीना को भाजपा ने सवाईमाधोपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़वाया था। वे चुनाव जीत गए। इसके बाद राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है।राज्यसभा की कोई सीट खाली होती है तो उस पर छह माह में उपचुनाव करवाना जरूरी है। किरोड़ी लाल मीना का राज्यसभा सांसद के रूप में कार्यकाल अप्रैल, 2024 में पूरा हो रहा था। इसी माह उन्होंने इस्तीफा दिया है। उनके कार्यकाल खत्म होने में चार माह ही बचे थे। राज्यसभा की इस खाली सीट पर उपचुनाव नहीं होगा।
4 लोकसभा सांसद जीते विस चुनाव
भाजपा से राजसमंद सांसद दिया कुमारी, जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह, अलवर सांसद महंत बालकनाथ और रालोपा के नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल विधानसभा चुनाव लड़े और जीत गए। अब ये विधायक की भूमिका में काम कर रहे हैं। सांसद के रूप में इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं जालौर-सिरोही सांसद देवजी पटेल, झुंझुनूं सांसद नरेन्द्र कुमार और अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी चुनाव हार गए।
राजस्थान में राज्यसभा की 10 सीटें
राजस्थान में राज्यसभा की 10 सीटें हैं। वर्तमान में 9 सांसद हैं। इनमें से दो सांसद कांग्रेस के मनमोहन सिंह और भाजपा के भूपेन्द्र यादव का कार्यकाल अप्रैल, 2024 में खत्म होगा। तीन सांसदों का कार्यकाल जून, 2024 और 4 सांसदों का कार्यकाल जुलाई 2028 में पूरा होगा।
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