चेयरमैन मिला तो सेकेट्री का हुआ निधन गहलोत सरकार आने के बाद करीब साढ़े तीन साल तक अकादमी में चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति नहीं की गई। फिर अगस्त 2022 में चेयरमैन के ( Rajasthan Urdu Academy Chairman ) रूप में डॉ. हुसैन रजा खान और सदस्य मनोनित किए गए। उर्दू प्रेमियों को उम्मीद बनी कि कोरम पूरा होने से अब उर्दू की तरीक्की के काम तेज होंगे। वजूद में आते ही अकादमी की कई मीटिंगें हुईं और शायरों को माली इमदाद देने समेत अन्य फैसले लिए गए। लेकिन चेयरमैन मिलने के तीन महीने बाद ही अकादमी के सेकेट्री मोज्जम अली का निधन हो गया और अकादमी का काम फिर से धीमा हो गया।
आगामी दिनों में ये सौगात भी मिलेगी अकादमी की ओर से आगामी दिनों में उर्दू सिखाने के लिए शबीना उर्दू लर्निंग सेंटर और उर्दू कैलीग्राफी सेंटर शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा जिन उर्दू विद्यार्थियों को कहीं से भी कोई छात्रवृति नहीं मिल रही है, उन्हें अकादमी की ओर से वजीफा दिए जाने पर भी विचार हो रहा है।
‘बजट मिले और स्टाफ की कमी दूर हो’ उर्दू अकादमी के मेंबर और प्रोग्राम कन्वीनर इरशाद अजीज का कहना है कि अकादमी को सभी कामों के लिए बजट चाहिए होता है, ऐसे में हमारी सीएम गहलोत साहब से गुजारिश है कि अकादमी को बजट इतना दें, कि सभी तरह के काम बेहतर तरीके से हो सकें। अमूमन होता ये है कि अकादमी के पास बजट न होने से काफी काम और प्रोग्राम प्रभावित होते हैं। हमारे चेयरमैन से लेकर सभी मेंबर उर्दू की बेहबूदगी के लिए काफी सक्रिय हैं। यदि उम्मीद के मुताबिक बजट मिलता है और अकादमी में स्टाफ की कमी दूर की जाती है तो निश्चित रूप से उर्दू के लिए राजस्थान में अच्छा काम होगा।
इनका कहना है… करीब 40-50 जरुरतमंद सीनियर शायरों ने आवेदन कर दिया है। इन्हें करीब 10 हजार रूपए की सालाना माली इमदाद दी जाएगी। सेक्रेट्री कि नियुक्ति होते ही ये मदद शुरू हो जाएगी। साथ ही अकादमी की अन्य गतिविधियां भी तेज होंगी।
डॉ. हुसैन रजा खान
चेयरमैन, राजस्थान उर्दू अकादमी