वहीं निहारिका के समर्थकों ने एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चौधरी ने कहा कि छात्रों की मांग के आधार पर इस बार टिकट का ऐलान किया है। मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि आम छात्र रितु बराला को भारी वोटों से जीत दिलाएंगे। वहीं निहारिका के निर्दलीय चुनाव लड़ने पर भी अभिषेक ने कहा कि निहारिका हमारे एनएसयूआई परिवार की सदस्य हैं। हम उसे मना लेंगे।
आदिवासी हूं इसीलिए टिकट नहीं दिया: निहारिका उधर निहारिका जोरवाल ने एनएसयूआइ पर टिकट वितरण में जातिवाद का आरोप लगा दिया। जोरवाल ने कहा कि आदिवासी हूं, इसीलिए संगठन ने टिकट नहीं दिया। जोरवाल ने आरोप लगाया कि टिकट बांटने वाले कहते हैं कि एससी, एसटी के वोट नहीं है। जोरवाल ने कहा कि निर्दलीय चुनाव लडूंगी, बताउंगी कि हमारे कितने वोट हैं।
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चार साल से लगी थी निहारिका
निहारिका जोरवाल को एनएसयूआई से टिकट मिलने का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। निहारिका भी पिछले चार साल से एक्टिव होकर काम कर रहीं थीं। एनएसयूआई ने जैसे ही रितु बराला के नाम की घोषणा हुई तो निहारिका जोरवाल रो पड़ीं।