बबूल पेड़ की हरी पत्तियों पर मिली
राजस्थान विश्वविद्यालय के शोेधकर्ताओं को मकड़ी की यह नई प्रजाति तालछापर वन्यजीव अभयारण्य में फील्ड वर्क के दौरान बबूल पेड़ की हरी पत्तियों पर मिली। इस मकड़ी का हरा रंग परिवेश में घुलने मिलने और पौधों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों के शिकार पर घात लगाने में सहायता करता है। इस मकड़ी के लंबे पैर फुर्ती से तेज चलने में सहायक होते हैं। इस मकड़ी की जीवन शैली रात्रिचर होती है। यह भी पढ़ें – UGC Net EXAM : यूजीसी नेट-परीक्षा की डेट में बदलाव, अब 18 जून को होगी परीक्षा पतंगों की कई प्रजातियों को खाते हुए पाया
विश्वविद्यालय शोधकर्ताओं ने इस ग्रीन लिंक्स मकड़ियों को पतंगों की कई प्रजातियों को खाते हुए भी पाया। राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा ने शोध के लिए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनोद कुमारी और रिसर्च स्कॉलर निर्मला कुमारी को शुभकामनाएं दी हैं।