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राजस्थान विश्वविद्यालय का भू-विज्ञान विभाग खोलेगा राज, कब आए थे डायनासोर, जानना है तो 10 अगस्त तक करें आवेदन

Rajasthan University : राजस्थान विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान की पहल। धरती की हलचल, प्राकृतिक आपदाएं, डायनासोर के राज जानेंगे बच्चे। भू-वैज्ञानिक पृथ्वी के 450 करोड़ वर्ष का इतिहास बताएंगे। 17 अगस्त से इसकी शुरुआत हो रही है। इस कार्यशाला में अपना नाम लिखवाएं और जानें कई पृथ्वी से सम्बंधित महत्वपूर्ण राज की बातें।

जयपुरAug 04, 2024 / 12:39 pm

Sanjay Kumar Srivastava

राजस्थान विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान विभाग की फोटो

Rajasthan University : भूस्खलन, सुनामी, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं क्यों आती हैं? ऋतुओं का क्रम कैसे निर्धारित होता रहा है? पृथ्वी में हलचल क्यों होती है? जीवन कैसे आया? डायनासोर कब आए, ये कैसे विलुप्त हुए? भूगर्भ से जुड़ी ऐसी कई रोचक जानकारियां अब विद्यार्थियों को मिल पाएंगी। राजस्थान विश्वविद्यालय के भू-वैज्ञानिक इसकी पहल कर रहे हैं। वे विद्यार्थियों को पृथ्वी के 450 करोड़ वर्ष का इतिहास बताएंगे। वहीं विद्यार्थी 100 से अधिक जीवाश्म व चट्टानों को छूकर देख पाएंगे।

17 अगस्त को विभाग देगा रोचक व ऐतिहासिक जानकारी

राजस्थान विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान विभाग ने पृथ्वी का इतिहास, उसकी उत्पत्ति, संरचना के साथ महासागरों व महाद्वीपों की उत्पति जैसे भू-विज्ञान से जुड़े कई विषयों से विद्यार्थियों को अवगत कराने की तैयारी की है। इसके लिए विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों और शिक्षकों को विभाग में बुलाकर कई रोचक व ऐतिहासिक जानकारी दी जाएगी। इसकी शुरुआत इसी माह 17 अगस्त से हो रही है। इसके लिए एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें भू-वैज्ञानिक पर्यावरण, खनिज, पेट्रोलियम व जल जैसे विविध आयामों के बारे में बताएंगे।
Rajasthan University Geology Department

आग्नेय, अवसादी और कायांतरित चट्टानें मौजूद

विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान विभाग में आग्नेय, अवसादी और कायांतरित चट्टानें रखी हुई हैं। विद्यार्थियों को इन चट्टानों की उत्पति व इनकी विशेषताओं के बारे में बताया जाएगा। इनमें कौन-कौन से खनिज मिलते हैं, इनके रासायनिक और भौतिक गुणों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
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कैसे बनते हैं पेट्रोल व गैस, पता चलेगा

भू-वैज्ञानिक पारंपरिक और गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के बारे में बताएंगे। विद्यार्थियों को पेट्रोल, कोयला व गैस के बनने की जानकारी देने के साथ ये कैसी चट्टानों में मिलते हैं, इसके बारे में बताया जाएगा। आणविक ऊर्जा, यूरेनियम, थोरियम कहां मिलता है, इसके साथ ही 320 करोड़ साल से लेकर 10 करोड़ साल पुरानी चट्टानों की भी जानकारी दी जाएगी।
Rajasthan University Geology Department
Rajasthan University Geology Department

पृथ्वी के विविध आयामों की पूरी जानकारी दी जाएगी : डॉ. आशा सक्सेना

भू-विज्ञान विभाग सहायक आचार्य डॉ. आशा सक्सेना ने कहा कि इसमें शिक्षक और बच्चों को पृथ्वी के विविध आयामों की पूरी जानकारी दी जाएगी। प्राकृतिक संसाधनों, प्राकृतिक आपदाओं के साथ भू-जल के बारे में बात करेंगे।
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