छात्रों ने इशारे में अपनी बात समझाते हुए बताया कि सभी को राजनीति विज्ञान व ड्रॉइंग विषय में फेल किया गया है। संभवत: विवि प्रशासन ने उनकी उत्तर पुस्तिकाएं सामान्य शिक्षकों से जंचवा दी हैं। इस कारण सभी को एक साथ ही फेल कर दिया गया। विवि की लापरवाही से उनका एक साल खराब हो जाएगा।
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विशेष शिक्षक ही पढ़ाएं, उत्तरपुस्तिकाएं जांचें शहर में केवल एक-दो कॉलेजों में मूक-बधिर छात्र-छात्राएं हैं। इनके लिए अलग कक्षाएं लगती हैं, अलग पेपर बनाए जाते हैं। पेपर में सामान्य विद्यार्थियों की तुलना में एक घंटा अतिरिक्त समय दिया जाता है। नियम यह है कि मूक-बधिर विद्यार्थियों को विशेष शिक्षक पढ़ाएं और विशेष शिक्षक ही उनकी उत्तर पुस्तिकाएं जांचें।
विशेष शिक्षक ही पढ़ाएं, उत्तरपुस्तिकाएं जांचें शहर में केवल एक-दो कॉलेजों में मूक-बधिर छात्र-छात्राएं हैं। इनके लिए अलग कक्षाएं लगती हैं, अलग पेपर बनाए जाते हैं। पेपर में सामान्य विद्यार्थियों की तुलना में एक घंटा अतिरिक्त समय दिया जाता है। नियम यह है कि मूक-बधिर विद्यार्थियों को विशेष शिक्षक पढ़ाएं और विशेष शिक्षक ही उनकी उत्तर पुस्तिकाएं जांचें।
यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी, मची खलबली, निकला आदेश जनता का फोन रिसीव नहीं किया तो होगे सस्पेंड बी—फार्मेसी कोर्स इस साल से कोटा विवि में भी कोटा विश्वविद्यालय में इस साल से बी—फार्मेसी पाठ्यक्रम शुरू किया है। इसके साथ ही यह विवि कम फीस में इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई कराने वाला पदेश का पहला विवि बन गया है। कोटा विवि कुलपति नीलिमा सिंह ने गुरुवार को यहां राजभवन में राज्यपाल व कुलाधिपति कल्याण सिंह को यह जानकारी दी। राज्यपाल सिंह को कुलपति ने यह भी बताया कि विवि बी-फार्मेसी के लिए 35 हजार रुपए फीस लेगा, जो प्रदेश के अन्य विवि व कॉलेज से काफी कम है।