राजस्थान यूनिवर्सिटी के संघटक और संबद्ध कॉलेजों की यूजी प्रथम वर्ष की परीक्षाएं 18 जनवरी से शुरू होंगी। यूनिवर्सिटी की ओर से इस बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। पहली बार आयोजित होे रहीं सेमेस्टर परीक्षाओं को लेकर यूनिवर्सिटी ने तैयारी कर ली है। इस बार परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया गया है। कॉलेजों में सतत मूल्यांकन में 40 फीसदी अंक और 75 प्रतिशत हाजिरी पूरी करने वाले विद्यार्थी ही सेमेस्टर परीक्षाओं में बैठ पाएंगे। इस नियम के बाद छात्रों की मुश्किल खड़ी हो गई है। कारण है कि कॉलेजों में विद्यार्थी नियमित रूप से उपिस्थत नहीं रहते।
जयपुर और दौसा जिले में करीब 85 हजार विद्यार्थी हैं, जो नियमित रूप से राजस्थान यूनिवर्सिटी से यूजी प्रथम वर्ष में पढ़ाई कर रहे हैं।
कॉलेजों को यूनिवर्सिटी ने दी जिम्मेदारीयूनिवर्सिटी ने छात्रों के मूल्यांकन और हाजिरी के अंकों की जिम्मेदारी कॉलेजों पर छोड़ी है। कॉलेज छात्रों के अंक तय कर विश्वविद्यालय को भेजेंगे, लेकिन परीक्षा के बाद यूनिवर्सिटी की ओर से सतत मूल्यांकन के नम्बरों की जांच फिर से की जाएगी। गलत सूचना भेजने पर कॉलेजों पर कार्रवाई हो सकती है।
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वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा : राजस्थान लोक सेवा आयोग ने पकड़ा डमी अभ्यर्थी, एफआईआर दर्जपरीक्षा के लिए पात्रता भी तय की गई – राकेश रावराजस्थान विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक राकेश राव, इस बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। परीक्षाओं को लेकर सूचना जारी कर दी है। परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव किया है। परीक्षा के लिए पात्रता भी तय की गई है।
30 मिनट पहले बंद हो जाएगी एंट्रीराजस्थान यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित की जाने वाली स्नातक प्रथम वर्ष (यूजी) की सेमेस्टर परीक्षाओं के समय में भी बदलाव किया गया है। सेमेस्टर परीक्षाओं में इस बार 30 मिनट पहले ही छात्र-छात्राओं की एंट्री बंद कर दी जाएगी। ऐसे में विद्यार्थियों को तय समय पर ही परीक्षा केन्द्रों पर पहुंचना होगा। देरी से आने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा केन्द्रों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
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