राजस्थान की रंग-बिरंगी संस्कृति का कोई सानी नहीं है। अगर कोई विदेश या अन्य राज्य से राजस्थान आता है तो उसको यहां की पगड़ी से प्यार हो जाता है। मान और सम्मान की प्रतीक पगड़ी राजस्थान की शान हैं। इस शान को सहेजने का काम उदयपुर के दौलत सेन कर रहे हैं, जो कई तरह की पगडियों का निर्माण करते हैं। इन पगडियों के निर्माण में उन्होंने कई तरह के वर्ल्ड रेकॉर्ड अपने नाम भी किए हैं। ऐसा ही एक रेकॉर्ड पौन इंच की पगड़ी बनाकर भी किया है। ये विश्व की सबसे छोटी पगड़ी बनाने का वर्ल्ड रेकॉर्ड है। सेन पौन इंच, एक इंच, डेढ़ इंच, दो इंच, तीन इंच, साढे तीन इंच, चार इंच, पांच इंच, छह, साढे छह, सात साढे सात, आठ, साढ़े और इससे भी अधिक की पगड़ियां बना चुके हैं। इनके नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस हैं।
पांचवी पीढ़ी कर रही कामदौलत सेन की पांचवीं पीढ़ी पगड़ी बनाने का काम कर रही है। अब भी पूर्व राज परिवार के लोगों की पगड़ियां बनाई जाती हैं। इन परिवारों के लिए ये काम किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश की आन,बान और शान का प्रतीक पगड़ी हमारी संस्कृति का अनूठा हिस्सा है। कहीं ये विरासत न बन जाएं, इसलिए ये काम अनवरत जारी है।
यह भी पढ़ें –
आरबीआइ की नई सुविधा, राजस्थान की जनता भी डाक से भेज सकेगी 2000 के नोटअब तक 250 को सिखाया पगड़ी बनाने का हुनरदौलत सेन ने बताया कि नई पीढी के लोगों को पगड़ी बनाने का काम सिखाया जाता है। ताकि राजस्थान की संस्कृति बची रहे। इसके तहत जिले की ग्रामीण परिवेश की महिलाओं, युवाओं और लोगों को कई तरह की पगड़ियां बनाने का कार्य सिखाया जा चुका है। अब तक इस काम के लिए करीब 250 लोगों को इसका काम सिखाया जा चुका है।
यह भी पढ़ें –
व्यापारियों ने चेताया, China के कारण लाल मिर्च के भावों में आएगी तेज़ी, जानें वजह