अभी तक ट्रेन को सितंबर से लेकर 31 मार्च तक यानी सात महीने चलाया जाता था। लेकिन इसे दस महीने तक चलाने पर भी मंथन हुआ। मार्च के बाद ऑफ सीजन में देसी पर्यटकों के लिए भी ट्रेन को चलाया जा सकता है।
ये सामने आए तीन विकल्प
– आरटीडीसी स्वयं ही ब्रेक इनव के आधार पर ट्रेन का संचालन करे। प्रति सप्ताह ट्रेन का संचालन तब ही किया जाए जब पर्याप्त बुकिंग हों और हॉलेज चार्ज के 63 लाख रुपए व आरटीडीसी के खर्चे निकल जाएं।