बताया जा रहा है कि पिछले दिनों सफाईकर्मियों की हड़ताल और वाल्मीकि समाज की नाराजगी के बाद सरकार ने भर्ती प्रक्रिया रोकी थी। भर्ती में वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता देने की मांग थी। स्वायत्त शासन विभाग इसके बाद फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रहा है। इस मामले में कुछ दिन पहले ही स्वायत्त शासन मंत्री ने विभाग के प्रमुख सचिव और निदेशक से लम्बी मंत्रणा भी की।
विधानसभा में उठा था मामला
कर्मचारियों ने सरकार को एक बार फिर कहा है कि भर्ती समझौते के तहत मस्टररोल के आधार पर ही कराई जाए। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से प्रदेश के 186 निकायों में पिछले दिनों 24797 पदों पर सफाई कर्मचारी भर्ती लॉटरी के आधार पर वर्ष 2018 की तर्ज पर कराई जा रही थी। इसके विरोध में हड़ताल हुई थी। सफाई नहीं होने से सड़कों पर कचरे के ढेर लग गए थे। यह मामला विधानसभा में भी उठा था।