इन शिक्षकों के हटने के बाद छात्रों की पढ़ाई अटक जाएगी। कॉलेजों में अभी प्रथम और तृतीय सेमेस्टर की पढ़ाई चल रही है। विद्या संबल योजना कांग्रेस सरकार में लागू की गई थी। भाजपा सरकार ने योजना के प्रावधानों को बदल दिया।
एक साल में मांगे जाएंगे दो बार आवेदन
बड़ा बदलाव यह है कि अभ्यर्थियों को दूसरे, चौथे सेमेस्टर के बाद पुन: आवेदन करना होगा। यानी एक साल में दो बार आवेदन मांगे जाएंगे। सेमेस्टर सिस्टम के तहत शिक्षक लगाए जाएंगे। ऐसे में प्रक्रिया मेें देरी हुई तो कॉलेजों में पढ़ाई प्रभावित होगी। दूसरी ओर सरकार विद्या संबल योजना के तहत अस्थायी शिक्षकों को 50 कलांश के हिसाब से भुगतान करेगी।
समय से भुगतान नहीं, न ही अनुभव प्रमाण पत्र
विद्या संबल योजना के तहत लगे अस्थायी शिक्षकों का कहना है कि सरकार कॉलेेजों में पढ़ाई तो करा रही है, लेकिन समय से भु्गतान नहीं किया जा रहा। ऐसे में उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। सरकार कालांश के हिसाब से भुुगतान कर रही है। वहीं, दूसरी ओर सरकार विद्या संबल योजना के शिक्षकों को कॉलेजों में पढ़ाने का अनुभव प्रमाण पत्र नहीं दे रही है।
यह आदेश जारी किए
कॉलेज आयुक्तालय ने जब इस सत्र में अस्थायी शिक्षकों को लगाया था तब आदेश जारी किए कि इन शिक्षकों के ज्वॉइन करने के बाद 24 सप्ताह या 28 फरवरी जो भी पहले होते हैं यह लागू होंगे। ऐसे में 24 सप्ताह जनवरी में पूरे होने जा रहे हैं। इस हिसाब से करीब दो हजार शिक्षकों को कॉलेजों से हटा दिया जाएगा। यह भी पढ़ें
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इनका कहना है
जुलाई 2025 तक समयावधि बढ़ाने का आदेश जारी करें। इससे द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर के बच्चों की पढ़ाई बंद न हो और 2 हजार नेट/पीएचडी डिग्री धारकों को बेरोजगार नहीं होना पड़े। नहीं तो हम शीतकालीन अवकाश में मुयमंत्री आवास का घेराव करेंगे।-डॉ. रामसिंह सामोता, सहायक आचार्य विद्या सबल योजना
सरकार एक ओर कॉलेजों में नई शिक्षा नीति को सती से लागू करने की बात कह रही है। दूसरी ओर खुद की पढ़ाई को चौपट करा रही है। कॉलेजों से अस्थायी शिक्षक हट जाएंगे तो पढ़ाई प्रभावित होगी। सरकार उनकी कार्य अवधि को बढ़ाए।
-बनय सिंह, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ
-बनय सिंह, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ