दिन नौकरी और रात को पढ़ाई करते थे योगेन्द्र
योगेन्द्र का कहना है कि जब उन्हें रोजी-रोटी कमाने के लिए दिन में नौकरी करनी पड़ती थी तो वह रात को पढ़ाई करते थे। उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई जारी रखी। उसके बाद उन्होंने बैचलर ऑफ जर्नालिज्म की पढ़ाई की और आज वह डबल ग्रेजुएट हैं। योगेन्द्र को बचपन से ही बड़ा बनने का जूनून था। आखिरकार वर्ष 2016 में योगेन्द्र ने अपने एक दोस्त की सलाह एक यूट्यूब चैनल शुरू किया। हालांकि, शुरू में उनको ऑडियंस का कोई खास रिस्पांस नहीं मिला, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। छह महीने बाद उन्हें करीब 8 हजार यूट्यूब से मिले। आज वह यूट्यूब से लाखों रुपए की कमाई करते हैं। इसके अलावा देश-विदेश की कई नामी कंपनियों के लिए वह काम करते हैं।
टेक्निकल योगी के नाम से बनाया यूट्यूब चैनल
योगेन्द्र का अपना एक टेक्निकल योगी के नाम से यूट्यूब चैनल है। जिसके माध्यम से वह विभिन्न प्रकार के इंटरनेट से जुड़े तकनीकी कार्यों की जानकारी लोगों को देते हैं। वह बताते हैं कि अब तक वह करीब 12 सौ से अधिक तकनीकी वीडियो बना चुके हैं। दो मिलियन से ज्यादा यूट्यूब पर उनके सब्सक्राइबर हैं। उनके चैनल के माध्यम से बहुत से युवा सीखकर काम कर रहे हैं।
कभी चाय के ठेले पर धोते थे जूठे कप
योगी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह शुरुआत मं अलवर शहर के जेल चौराहे पर स्थित एक चाय के ठेले पर 300 रुपए महीने में काम करते थे। उस समय जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव आए। उन्होंने अखबार और कोरियर बांटने भी काम किया। उनका कहना है कि उन्हें धीरूभाई अंबानी से उन्हें यह प्रेरणा मिली कि इंसान चाहे तो कुछ भी कर सकता है। हालाकि वह बताते है शुरुआत में लोगों ने उनका बहुत मजाक भी उड़ाया था। ऐसे में उनकी एक दोस्त संध्या ने उन्हें इस काम में सपोर्ट किया बाद में योगेन्द्र ने अपनी दोस्त संध्या से विवाह कर लिया।
2018 में सिल्वर और 2020 में मिला गोल्डन अवॉर्ड
योगेन्द्र बताते हैं कि उन्होंने दिसंबर 2016 में टेक्निकल योगी चैनल की शुरुआत की। जिसके 15 महीने बाद में उन्हें यूट्यूब ने सिल्वर प्ले अवॉर्ड दिया। तब वह मोबाइल से वीडियो बनाते थे। नवंबर 2019 में उन्होंने कनॉट प्लेस दिल्ली में एक मीटप किया था। जिसमें उनके प्रशंषकों की काफी भीड़ उमड़ी थी। उनकी कार्य के प्रति लग्न व लोकप्रियता के साथ कार्य मे निपुणता के चलते उन्हें 2020 में यूट्यूब ने गोल्डन प्ले अवार्ड दिया है।