आरोपी छम्मी ने कहा कि सात दिन पहले उसका मोबाइल गुम हो गया। छम्मी को लाने वाली टीम ने भी गुम होना बताया। मंगलवार रात करीब साढ़े दस बजे एसओजी मुख्यालय में हैदराबाद से पकड़े गए वांटेड ओमप्रकाश ढाका व सुनील बेनीवाल को लेकर टीम पहुंची। करीब दो घंटे बाद अनुसंधान टीम ने आरोपी ओमप्रकाश से पूछा कि उसकी छम्मी से आखिरी बार बात कब हुई, तब उसने बताया कि मंगलवार सुबह ही उसके मोबाइल पर हुई थी। यह सुनकर अनुसंधान करने वाली टीम सन्न रह गई। अनुसंधान टीम को समझ में नहीं आया कि पुलिस कस्टडी में एक जुलाई को छम्मी आ गई। सात दिन पहले उसका मोबाइल गुम हो गया और मंगलवार सुबह आरोपी ओमप्रकाश की उसके ही मोबाइल पर बात हो रही है। आखिर मोबाइल में ऐसा क्या राज है, जो उसे अनुसंधान टीम को नहीं सौंपा गया। रात को टीम ने खुद का मोबाइल भी बंद कर लिया। अब बड़ा सवाल है कि मोबाइल गुम होने की बात झूठ क्यों बोली?
किसको बचाने के लिए पहले झूठ क्यों बोला सूत्रों के मुताबिक, पेपर लीक मामले से जुडी अनुसंधान टीम ने आला अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी। बाद में छम्मी को लाने वाली जोधपुर रेंज की टीम बुधवार दोपहर 12 बजे एसओजी मुख्यालय मोबाइल लेकर पहुंची और अनुसंधान टीम को मोबाइल सौंपा। लेकिन अनुसंधान टीम ने बुधवार शाम तक मोबाइल को रिकॉर्ड पर नहीं लिया। आरोपी छम्मी को मंगलवार शाम को गिरफ्तार किया। इसके बाद बुधवार सुबह तक मोबाइल पर संदेश आ रहे थे। इसके चलते मोबाइल को कैसे जब्त दिखाए। अब मोबाइल जोधपुर रेंज टीम की सुपुर्दगी में दिखाया जाएगा या फिर अन्य कारण बताए जाएंगे। एसओजी सूत्रों के मुताबिक छम्मी को टीम जयपुर एसओजी मुख्यालय लाने की बजाय सीधे ब्यावर के आगे ले गई।
एसओजी ने तीनों आरोपियों को 7 जुलाई तक रिमांड पर लिया एसओजी ने गिरफ्तार ओमप्रकाश ढाका, छम्मी बिश्नोई व सुनील बेनीवाल को बुधवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 7 जुलाई तक एसओजी की रिमांड पर सौंपा है।