एडीजी वी. के. सिंह ने बताया कि आरोपी अशोक कुमार ने डमी अभ्यर्थी बनकर 13 सितम्बर 2021 को अलवर में प्रशिक्षु थानेदार श्याम प्रताप सिंह की जगह परीक्षा दी और फिर 14 सितम्बर 2021 को जोधपुर पहुंचकर प्रशिक्षु थानेदार श्रवण कुमार की जगह परीक्षा दी। आरोपी अशोक कुमार की तलाश में टीम जुटी है। आरोपी अशोक कुमार फलौदी के खारा स्थित महोलचक का रहने वाला है।
उन्होंने बताया कि यह भी सामने आया कि आरोपी अशोक और उसकी पत्नी कई परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बनकर बैठ चुके हैं। आरोपी श्याम प्रताप व श्रवण कुमार भी सेवानिवृत्त फौजी हैं। आरोपी अशोक ने श्याम प्रताप से 5 लाख रुपए और श्रवण कुमार से 10 लाख रुपए में सौदा तय कर ले भी लिए थे।
ऐन वक्त पहले बदला इरादा
रिमांड के दौरान आरोपी श्याम प्रताप ने बताया कि डमी अभ्यर्थी अशोक कुमार के साथ अलवर परीक्षा सेंटर पहुंचा। परीक्षा सेंटर के बाहर एक बार डमी अभ्यर्थी को परीक्षा देने की बजाय खुद जाने की सोच रहा था। तभी परीक्षा सेंटर के बाहर से एक पानी का टैंकर निकलने से अच्छा शगुन मानकर डमी अभ्यर्थी को परीक्षा देने भेज दिया था।
साढ़े चार लाख बाद में देना तय
सेवानिवृत्त फौजी विक्रमजीत व गिरधारी उदयपुर में परीक्षा सेंटर पर साथ पहुंचे। परीक्षा सेंटर के बाहर विक्रमजीत ने गिरधारी को प्रवेश पत्र, आधार कार्ड और खुद की एडिट की गई फोटो देकर परीक्षा देने के लिए भेज दिया था। विक्रमजीत ने परीक्षा के कुछ दिन बाद ही 2 लाख रुपए और फिर शारीरिक परीक्षा के बाद 3 लाख रुपए दिए। 45 हजार रुपए बैंक से ट्रांसफर किए। 4.50 लाख रुपए बाद में देना तय हुआ था। एसओजी ने रविवार को ही विक्रमजीत, श्याम प्रताप, श्रवण कुमार व हरिओम को आरपीए में थानेदार का प्रशिक्षण लेते हुए गिरफ्तार किया था।