सबसे ज्यादा यूपी को मिलेगी राशि
वित्तीय वर्ष 2024-25 में केन्द्रीय करों से सबसे अधिक राशि उत्तरप्रदेश को मिलेगी और उसके बाद बिहार और मध्यप्रदेश का स्थान होगा। इनके अलावा पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र को भी केन्द्रीय करों से राजस्थान से अधिक राशि मिलेगी। बाकी सभी राज्यों को अगले वित्तीय वर्ष में केन्द्रीय करों से राजस्थान से भी कम राशि मिलेगी। 15 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार केन्द्रीय करों से जमा राशि का 41 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को दिया जाता है। राज्यों को दी जाने वाली कुल राशि से करीब 6 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान के खाते में आता है। कर विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि प्रदेश को मिलने वाली इस राशि का यहां से जमा होने वाले केन्द्रीय करों से सीधा कोई संबंध नहीं है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में केन्द्रीय करों से सबसे अधिक राशि उत्तरप्रदेश को मिलेगी और उसके बाद बिहार और मध्यप्रदेश का स्थान होगा। इनके अलावा पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र को भी केन्द्रीय करों से राजस्थान से अधिक राशि मिलेगी। बाकी सभी राज्यों को अगले वित्तीय वर्ष में केन्द्रीय करों से राजस्थान से भी कम राशि मिलेगी। 15 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार केन्द्रीय करों से जमा राशि का 41 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को दिया जाता है। राज्यों को दी जाने वाली कुल राशि से करीब 6 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान के खाते में आता है। कर विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि प्रदेश को मिलने वाली इस राशि का यहां से जमा होने वाले केन्द्रीय करों से सीधा कोई संबंध नहीं है।
राजस्थान को पांच साल में मिला हिस्सा (राशि करोड़ रुपए)
कर-वर्ष 2019-20 में-वर्ष 2024-25
आयकर-9,631.13-25,434.49
सीजीएसटी-10,229.51-22,472.28
निगम कर-12,291.37-23,082.75
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क-1588.71-896.85
सीमा शुल्क-2285.04-1499.89
अन्य कर-शुल्क-22.83-118.59
सरकार मुकदमेबाजी घटा रही है तथा स्व कर निर्धारण और फेसलैस प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही है, इससे पिछले सालों में देशभर में कर संग्रहण बढ़ा है। करदाता का कर प्रणाली के प्रति विश्वास भी पिछले वर्षों में बढ़ा है।
सतीश गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान कर सलाहकार संघ
कर-वर्ष 2019-20 में-वर्ष 2024-25
आयकर-9,631.13-25,434.49
सीजीएसटी-10,229.51-22,472.28
निगम कर-12,291.37-23,082.75
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क-1588.71-896.85
सीमा शुल्क-2285.04-1499.89
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विश्वास बढ़ा…सरकार मुकदमेबाजी घटा रही है तथा स्व कर निर्धारण और फेसलैस प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही है, इससे पिछले सालों में देशभर में कर संग्रहण बढ़ा है। करदाता का कर प्रणाली के प्रति विश्वास भी पिछले वर्षों में बढ़ा है।
सतीश गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान कर सलाहकार संघ