उन्होंने कहा, ‘मेरी आर्टरी में ब्लॉकेज, पैरों के अंगूठों में फ्रैक्कर एवं कोविड के बाद हैप्पी हाइपोक्सिया होने पर इलाज सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर (Sawai Man Singh Gospital Jaipur) में ही हुआ जिसके कारण मैं वहां कुछ दिन भर्ती भी रहा एवं सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर ही इलाज करवाया। चिरंजीवी योजना से लाखों लोगों के जीवन में सुधार हुआ है। अगर ये योजना न होती तो न जाने कितने गरीबों एवं मध्यम वर्गीय परिवारों के जमीन-जायदाद इलाज में बिक जाते। निजी अस्पतालों के कुछ डॉक्टरों को ऐसा असत्य बोलकर एक अच्छी योजना एवं मेडिकल जैसे पवित्र पेशे को को बदनाम करने से बचना चाहिए।’
गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा, हमारी सरकार ने राइट टू हेल्थ (Right To Health Bill) का कानून बनाया जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में निशुल्क इलाज हो सके। वर्तमान सरकार को डॉक्टर एसोसिएशन के साथियों को विश्वास में लेकर राइट टू हेल्थ के नियम जल्द से जल्द बनाकर लागू करने चाहिए जिससे राजस्थान के हर निवासी को इलाज का अधिकार मिले।’ उल्लेखनीय है कि मंगलवार को बजट पूर्व चर्चा में निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने पूववर्ती कांग्रेस सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को इस सदी की सबसे विफल योजना बताई थी।