कार्यशाला में प्रदेश के अनुभवी टैक्सटाइल डिजाइनर्स, फैशन विशेषज्ञ, हस्तनिर्मित कलाओं के विशेषज्ञ आदि ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में बुनकरों और दस्तकारों में बगरु के दस्तकार पद्मश्री रामकिशोर डेरेवाला, कोटा डोरिया के नेशनल अवार्डी नसरुद्दीन अंसारी, सांगानेरी प्रिंट के नेशनल अवार्डी अवधेश कुमार सहित विशेषज्ञों ने कोरोना महामारी के कारण प्रभावित इस उद्योग को आगे लाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। सीजीएम नायब खान ने बताया कि केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तपन शर्मा, वनस्थली विद्यापीठ के प्रोफेसर डॉ. नीरजा शर्मा, भारतीय शिल्प संस्थान की रजिस्ट्रार रश्मि पारीक ने बाजार की मांग, रंग संयोजन के साथ ही परपंरागत शिल्प संयोजन के समन्वय की आवश्यकता प्रतिपादित की। सीएमडी नेहा गिरि ने इस अवसर पर अवार्डी प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों का अवलोकन किया और विस्तार से चर्चा की।